Travel to Chittorgarh Fort : भारत में कई भव्य और आधुनिक ऐतिहासिक धरोहर हैं, जिनमें से एक है चित्तौड़गढ़ किला। जो कि राजस्थान के सबसे महत्वपूर्ण आकर्षणों और भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है। इस किले को सातवीं शताब्दी में बनवाया गया था।
13 किमी की परिधि की दीवार के साथ 700 एकड़ में फैला यह विशाल किला कभी राजाओं और रानियों का महल हुआ करता था। हालांकि वर्ष 2013 में यूनेस्को ने इसे राजस्थान के पहाड़ी किलों के तहत विश्व धरोहर स्थल घोषित कर दिया था।
मीरा बाई की कहानी से जुड़ा हैं चित्तौड़गढ़ किला
बता दें कि मीरा मंदिर, चित्तौड़गढ़ किले के परिसर में स्थित मीरा बाई को समर्पित मंदिर है। राजपूत राजकुमारी मीरा बाई ने भगवान कृष्ण के एक भक्त के रूप में रहने के लिए अपनी शाही जीवन शैली को त्याग दिया था और एक कवित्री और संत के रूप में जीवन जीने लगी थी। हिंदुओं के लिए, यह राजसी मंदिर पूजा का एक महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि मीरा बाई ने यहाँ भगवान कृष्ण को समर्पित कई भजन और कविताएं लिखी थी। मंदिर की धार्मिक और ऐतिहासिक प्रासंगिकता, चित्तौड़गढ़ का एक महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटक स्थान बनाती हैं।
रानी को जीत कर इसी किले में लाए थे राजा रतन
प्रेम और भक्ति की कई ऐतिहासिक कहानियों के साथ जुड़ा हुआ हैं चित्तौड़गढ़ का मशहूर किला। बता दें कि रानी पद्मिनी और राजा रतन रावल सिंह की प्रेम कहानी को भी चित्तौड़गढ़ का किला बयां करता है। रानी पद्मिनी को जीतने के बाद राजा रतन, उन्हें इसी किले में लेकर आये थे। इस किले का सबसे आकर्षक हिस्सा सफेद रंग का तीन मंजिला रानी पद्मावती का महल है। जो कि महल कुंड के किनारे बसा हुआ है, जिसका नाम कमल कुंड है।
जानिए किस समय देखें किले को
राजस्थान की गंभीर नदी के पास एक पहाड़ी पर स्थित चित्तौड़गढ़ किला 12 महीने, सुबह 9 से शाम 6 बजे तक लोगों के लिए खुला रहता है। अद्भुत लाइट एंड साउंड शो का समय सुबह 7 बजे से शाम 8 बजे के बीच है व वयस्कों के लिए प्रवेश शुल्क 50 रुपए है, जबकि बच्चों के लिए प्रवेश टिकट केवल 25 रुपए है। बता दें कि किले को घूमने के लिए लगभग 2-3 घंटे का समय लगेगा। किले में गणेश द्वार, हनुमान द्वार, पदन द्वार, जोडला द्वार, भैरों द्वार, लक्ष्मण द्वार और राम द्वार है। इसके अलावा इस किले में चार महल, 19 मंदिर, 20 जल निकाय और चार विशालकाय स्मारक हैं, जो किले को और आकर्षक बनाते है।