राजधानी दिल्ली में डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। निरंतर सामने आ रहे डेंगू के मामलों ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार की चिंता बढ़ा दी है। अक्टूबर के इस महीने में भी डेंगू लगातार अपना कहर बरपा रहा है। अक्टूबर के शुरूआती 5 दिनों में दिल्ली में डेंगू के 321 मामले सामने आए हैं।
डेंगू को लेकर दिल्ली नगर निगम (MCD) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। वहीं सितंबर में दिल्ली में डेंगू के 693 मामले दर्ज किए गए। इस साल अभी तक दिल्ली में डेंगू के 1258 मामले सामने आ चुके है। लगातार डेंगू के मामले सामने आने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने दिल्ली के सभी अस्पतालों में 10 से 15 फीसदी बेड्स वेक्टर जनित बीमारियों के रोगियों के लिए और खास तौर पर डेंगू मरीजों के लिए आरक्षित रखने का निर्देश दिया है। दिल्ली सरकार ने सभी अस्पतालों से कहा है कि वे किसी भी डेंगू के मरीज को बेड की कमी के कारण उसे प्रवेश लेने से वंचित न करें।
सिसोदिया ने दी प्रतिक्रिया
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में लगातार बढ़ रहे डेंगू के मामलों को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मौजूदा मौसम में डेंगू समेत वेक्टर जनित रोगों के फैलने की आशंका बढ़ जाती है। सिसोदिया ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है क्योकि दिल्ली सरकार की अस्पतालों में मरीजों के इलाज की पूरी व्यवस्था की गई है। बता दे कि लगातार सामने आ रहे डेंगू के मामलों को लेकर आम आदमी पार्टी एमसीडी की सत्ता पर काबिज भाजपा पर भी निशाना साधती रहती है।
हाल ही में पार्टी ने आरोप लगाया था की ये जानते हुए की बरसात के मौसम में डेंगू और विषाणु जनित रोग तेजी से फैलते है, फिर भी भाजपा द्वारा डेंगू की दवा का छिड़काव दिल्ली के कई इलाकों और नालों इत्यादि में नहीं किया गया है। पार्टी ने आरोप लगाया था कि एमसीडी ने इस साल डेंगू की दवाई ही नहीं खरीदी। आम आदमी पार्टी ने कहा था कि डेंगू की दवा के लिए टेंडर ही नहीं निकाला गया। इस तरह भारतीय जनता पार्टी और दिल्ली की केजरीवाल सरकार के बीच डेंगू और राजधानी में साफ – सफाई को लेकर आरोप – प्रत्यारोप का सिलसिला भी लगातार जारी है।