भारत में विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2023 खेला जा रहा है। इसमें रूस और बेलारूस के मुक्केबाज अपने-अपने देशों के झंडे के साथ खेल रहे हैं। हालांकि इन दोनों देशों के खिलाड़ियों पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने कई तरह के प्रतिबंध लगाए हुए हैं। ऐसे में ये टूर्नामेंट काफी विवादों में जकड़ता जा रहा है। पिछले साल यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों पर राष्ट्रीय ध्वज, प्रतीकों के इस्तेमाल और राष्ट्रगान गाने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
हालांकि, रूसी उमर क्रेमलेव के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ ने पिछले अक्तूबर में रूस और बेलारूस पर प्रतिबंध हटा दिया था। इसके बाद आईओसी की सिफारिश के बावजूद दोनों देशों के खिलाड़ियों को अपने देश के झंडे के साथ भाग लेने की अनुमति मिली।
मैच के बाद रूसी खिलाड़ी ने ये कहा
इसी सिलसिले में बेलारूस की यूलिया अपानासोविच (52 किग्रा) और रूस की एडमा अन्ना (52 किग्रा) प्रतियोगिता के पहले दिन एक्शन में नजर आईं। दोनों के बीच कड़ा मुकाबला देखें को मिला जहां दोनों अपने देशों के झंडे वाली पोषाक के साथ दिखाई दीं। मैच के बाद रूस के अल्ताई क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाली फ्लाइवेट मुक्केबाज एडमा अन्ना ने कहा,
“मैं यहां अपने देश के लिए प्रतिस्पर्धा करने पर वास्तव में गर्व महसूस कर रही हूं। मुझे गर्व है कि मैं रूस से हूं। हमें पिछले साल प्रतिस्पर्धा करने का अवसर नहीं मिला था। हमारे देश और हमारे एथलीटों के लिए विश्व चैंपियनशिप में भाग लेने का अवसर होना बहुत महत्वपूर्ण है।”
10 से अधिक देशों ने इस टूर्नामेंट का किया बहिष्कार
बता दें कि रूस और बेलारूस के एथलीटों को प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देने के आईबीए के फैसले के चलते संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और आयरलैंड सहित 10 से अधिक देशों ने इस टूर्नामेंट का बहिष्कार किया है। इन सब के बावजूद भारत ये टूर्नामेंट काफी अच्छे तरीके से आयोजित कर रहा है। अभी तक इसमें भारत काफी सफल रहा है। आगे देखना काफी दिलचस्प होगा कि अन्य देशों की इसपर क्या प्रतिक्रिया देखने को मिलती है।