उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव पंचतत्व में विलिन हो गए है। उन्हें अखिलेश यादव ने मुखाग्नि दी। इस दौरान सैफई में लोगों ने धरती पुत्र अमर रहें के नारे लगाए। वही मुलायम सिंह यादव की अंतिम यात्रा पर बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट किया- अलविदा नेताजी! आपकी ख्याति और आपके जीवन से जुड़ी स्मृतियां सदा-सदा के लिए अमर हैं. मैं इस दुख की घड़ी में अपने बड़े भाई अखिलेश यादव के साथ मजबूती से खड़ा हूं. उनका विशाल हृदय, धीर-गंभीर व्यक्तित्व और सामाजिक न्याय के प्रति संघर्ष भाव उन्हें नेताजी से मिली आत्मीय विरासत है’।
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। इस दौरान सीएम गहलोत अखिलेश यादव को सांत्वना देते नजर आएं। मौके पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी पहुंचे।
मुलायम सिंह पार्टी कार्यकतार्ओं के लिए वह हमेशा ही उपलब्ध रहने वाले देश और यूपी के एकमात्र नेता रहे है। वे कभी भी जेड प्लस सुरक्षा घेरे में रहते हुए भी वह कार्यकतार्ओं से कभी दूर नहीं हुए। तो वही उनकी सर्वसुलभता ही उन्हें देश के अन्य नेताओं से अलग कर नेताजी का खिताब दिलाती है। मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक करियर की बात करें तो वे पहली बार साल 1977 में जनता पार्टी से यूपी के मंत्री बने थे। इसके बाद साल 1989 में वह पहली बार यूपी के सीएम बने। मुलायम सिंह यादव साल 1993 और फिर 2003 दूसरी और तीसरी बार सीएम पद पर काबिज हुए। तो वही इसके अलावा मुलायम सिंह ने 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी और 1993 में बसपा के साथ मिलकर उनकी सरकार सत्ता में आयी थी। वे पार्टी के गठन से लेकर अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी की जिम्मेदारी सौंपने तक समाजवादी पार्टी के संरक्षक रहे है।