ग्रेस हैरिस की 59 रन की पारी और किरण नवगिरे की 53 रन की पारी की बदौलत यूपी ने रविवार को महिला प्रीमियर लीग मैच एक गेंद शेष रहते तीन विकेट से जीत लिया। हैरिस की पारी महत्वपूर्ण थी क्योंकि उनकी पारी ने यूपी की टीम को मैच में जिंदा रखा। नवगिरे की पारी ने उस जीत की नींव रखी जिसके कारण यूपी को पहली जीत नसीब हो पाई। उन्होंने 43 गेंदों पर 123.26 के स्ट्राइक रेट से 53 रन की पारी खेलकर यूपी की वापसी कराई। या यूं कहे तो नवगिरे की पारी से यूपी की टीम को चेज का एक मौका मिला जिसे हैरिस ने पूरा कर दिया। इस आर्टिकल में हम 27 वर्षीय किरण नवगिरे की संघर्षमयी क्रिकेट करियर के बारे में जानेंगे।
लगा चुकी हैं टूर्नामेंट का सबसे तेज अर्धशतक
क्रिकेटर किरण महाराष्ट्र के सोलापुर की रहने वाली हैं। वो घरेलू क्रिकेट में नागालैंड का प्रतिनिधित्व करती हैं। किरण के पिता किसान हैं और मां गृहिणी हैं। किरण के दो भाई भी हैं। किरण ने छह टी20 मैच खेले हैं। वो पिछले साल वेलोसिटी की टीम में हिस्सा रहते हुए भारत में हुए विमेंस टी20 चैलेंज भी खेल चुकी हैं। उनके नाम इस लीग में एक खास रिकॉर्ड भी दर्ज है। पिछले साल किरण ने इस टूर्नामेंट में ट्रेलब्लेजर्स के खिलाफ 25 गेंदों पर अर्धशतक जड़ा था, जो कि इस टूर्नामेंट का सबसे तेज अर्धशतक है।
किरण टी20 मैच में 150+ रन बनाने वालीं पहली भारतीय क्रिकेटर हैं। किरण क्रिकेट में आने से पहले एथलेटिक्स में थीं। उन्होंने एथलेटिक्स में यूनिवर्सिटी स्तर पर 100 से ज्यादा मेडल जीते हैं। साल 2011-12 में किरण ने जेवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीता था।
धोनी को मानती हैं अपना आदर्श
किरण कहती हैं कि उन्होंने भारत के कप्तान धोनी की वजह से क्रिकेट खेलना शुरू किया और वह उन्हें अपना आदर्श मानती हैं। 2011 वनडे विश्व कप में भारत की जीत के बाद किरण ने धोनी का अनुसरण करना शुरू किया। किरण कहती हैं कि उन्हें महिला क्रिकेट के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और उन्होंने केवल पुरुषों को ही क्रिकेट खेलते देखा था। इसके बाद किरण अपने गांव के लड़कों के साथ क्रिकेट खेलने लगी। इस तरह धीरे-धीरे किरण का क्रिकेट से लगाव बढ़ता गया और अब वह सुपरस्टार हैं। किरण ने तो अपने बल्ले पर अपने आदर्श धोनी का नाम तक लिखवा लिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक किरण को बैट का कोई स्पॉन्सर नहीं मिला तो वह अपने आदर्श महेंद्र सिंह धोनी का शॉर्ट फॉर्म में नाम एमएसडी (MSD) और उनका जर्सी नंबर 07 (सात) लिखकर मैदान पर बल्लेबाजी के लिए उतरीं। ये क्षण हमारे सामने बहुत सी कहानियों को बयां करता है।