Thursday, September 19, 2024
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नहीं बाज आ रहे खालिस्तानी! फिर हिंदू मंदिर को बनाया निशाना, जानिए पूरा मामला

खालिस्तानी अपनी हरकतों से बाज आने का नाम नहीं ले रहे। खालिस्तानियों के द्वारा एक बार फिर हिंदू मंदिर को निशाना बनाकर हमला किया गया है। ये घटना ऑस्ट्रेलिया की है। ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में खालिस्तान समर्थकों ने तोड़फोड़ की। घटना को लेकर मंदिर के अध्यक्ष सतिंदर शुक्ला ने बताया कि सुबह के समय श्रद्धालु मंदिर में पूजा-पाठ के लिए पहुंचे थे, इसी दौरान ही उन्होंने देखा कि मंदिर की दीवार को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। लोगों ने उन्हें मंदिर में तोड़फोड़ की सूचना दी।

पीएम मोदी के खिलाफ लिखी आपत्तिजनक बातें

प्राप्त जानकारी के अनुसार इस दौरान मंदिर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक बातें भी लिखी गई हैं। इस दौरान खालिस्तानी समर्थक हमलावरों ने पीएम मोदी के खिलाफ अपशब्द कहे, सिख दंगे का जिक्र किया और बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर भी मंदिर की दीवार पर स्प्रे कर दिया। हिंदू ह्यूमन राइट्स की निदेशक के अनुसार ये तरीका सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का है। ये स्पष्ट तौर पर ऑस्ट्रेलियाई हिंदू समुदाय को आतंकित करने का प्रयास है। आपको बता दें कि सिख फॉर जस्टिस भारत में प्रतिबंधित संगठन है।

दो महीने में चौथी घटना

ऐसा पहली बार नहीं जब ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानियों के द्वारा हिंदू मंदिर को इस तरह से निशाना बनाया जा रहा हो। बल्कि ये दो महीने के भीतर घटी चौथी घटना थी। मेलबर्न, सिडनी और ब्रिसबेन के कई मंदिरों पर हमले की खबरें सामने आ चुकी हैं। वहीं इससे पहले ब्रिसबेन के दूसरे हिंदू मंदिर में धमकी भरा फोन आया था, जिसमें खालिस्तानी चरमपंथियों के द्वारा गायत्री मंदिर को लेकर डराया-धमकाया गया था। दावा किया गया कि पाकिस्तान के लाहौर से ये फोन खालिस्तानी समर्थकों ने किया था।
ध्यान देने योग्य बात है कि खालिस्तानी विदेशी धरती पर लगातार हिंदुओं को निशाना बनाने का प्रयास करते रहते हैं। कनाडा और ब्रिटेन से भी इस तरह की खबरें अक्सर ही सामने आती रहती हैं। हालांकि वो बात अलग है कि अपने एजेंडे में ये लोग सफल नहीं हो पाते। खालिस्तानी समर्थक ने 15 जनवरी 2023 को एक कार रैली के माध्यम से जनमत संग्रह के लिए समर्थन प्राप्त करने का प्रयास किया, लेकिन वो इसमें पूरी तरह से विफल हो गए क्योंकि इस रैली में 200 लोग भी इकट्ठा नहीं हुए थे।

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