साल 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी, तब पूर्वोत्तर के एक भी राज्य में बीजेपी की सरकार नहीं थी। बीते 9 सालों के अंदर यहां का सियासी नक्शा पूरी तरह से बदल चुका है। नॉर्थ ईस्ट में पूर्वोत्तर भारत में आठ राज्य आते हैं, जिनमें त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय, असम, अरुणाचल, मणिपुर, सिक्किम और मिजोरम शामिल हैं।
त्रिपुरा-नागालैंड में बीजेपी गठबंधन को बहुमत
इन आठ में से तीन राज्यों त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय के विधानसभा चुनावों के परिणाम गुरुवार को घोषित किए जा रहे हैं। त्रिपुरा और नागालैंड इन दोनों ही राज्यों में बीजेपी गठबंधन पूर्ण बहुमत हासिल कर सत्ता में वापसी करता नजर आ रहा है। त्रिपुरा में बीजेपी के खाते में 32 से 33 सीटें तक जाती दिख रही हैं। जबकि यहां लेफ्ट और कांग्रेस का गठबंधन 14 सीटों पर सिमट रहा है। इसके अलावा टीएमपी (टिपरा मोथा पार्टी) भी 13 सीटों पर जीत हासिल कर रही है। त्रिपुरा में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 31 है।
नागालैंड में NDPP-बीजेपी गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिल रहा है। 60 सीटों वाले नागालैंड में बीजेपी ने 37 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है। जबकि दो सीटों पर NPF जीती है। कांग्रेस नागालैंड में अपना खाता तक खोलने में कामयाब नहीं होती दिख रही है।
मेघालय के चुनाव नतीजे
वहीं मेघालय की बात करें तो यहां किसी भी पार्टी को बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है। हालांकि NPP यहां सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आ रही है। NPP के खाते में 25 सीटे जाती दिख रही हैं।
ऐसे में मेघालय में NPP के लिए अकेले सरकार बनाना तो कठिन है। इसके चलते संभावनाएं ये जताई जा रही है कि सत्ता में बने रहने के लिए एनपीपी प्रमुख कोनराड संगमा भाजपा और यूडीपी के साथ मिलकर सरकार बना ले। ऐसी अटकलें इसलिए लगाई जा रही हैं क्योंकि कुछ दिन पहले ही गठबंधन को लेकर असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने मेघालय के मुख्यमंत्री और NPP के मुखिया कोनराड संगमा से मुलाकात की थी।
पूर्वोत्तर में बीजेपी का शानदार प्रदर्शन
ऐसे में चुनाव परिणामों को देखकर तो यही लगता है कि तीनों राज्यों की सरकारों में बीजेपी की भूमिका होगी। ऐसे में पूर्वोत्तर के आठ राज्यों में से सात में बीजेपी अपनी पकड़ बना लेगी। देखा जाये तो पूर्वोत्तर में इस बदलते सियासी नक्शे के कई कारण है। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू काफी चल रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर के राज्यों पर अपना काफी ध्यान केंद्रित किया। पीएम मोदी ने इन राज्यों में विकास पर जोर दिया। पिछले 9 सालों में कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वोत्तर के दौरे कर चुके हैं। इनके इन्हीं प्रयासों के परिणाम मिल रहे हैं और पूर्वोत्तर के लगभग हर राज्य में बीजेपी का जलवा देखने को मिल रहा है।