राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) का आतंकियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई का सिलसिला लगातार जारी है। एजेंसी लगातार आतंकियों की कमर तोड़ने में जुटी है। इस संबंध में बड़ा कदम आगे बढ़ाते हुए NIA ने अल-उमर मुजाहिदीन के संस्थापक और मुख्य कमाडंर मुश्ताक जरगर उर्फ लट्राम की श्रीनगर स्थित संपत्ति जब्त कर ली है। NIA द्वारा ये कार्रवाई गृह मंत्रालय के आदेश पर की गई है।
विमान हाईजैक के बदले छोड़ गया था आतंकी
आपको 24 दिसबंर 1999 को कंधार हाईजैक कांड तो अवश्य याद ही होगा। इस दिन नेपाल के काठमांडू से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली इंडियन एयरलाइंस की IEC-814 फ्लाइट को आतंकवादियों ने हाइजैक कर लिया था। इस विमान में 176 यात्री और 15 क्रू मेंबर्स सवार थे। लोगों को सुरक्षित छोड़ने के बदले में आतंकियों ने भारतीय जेल में बंद तीन खूंखार आतंकवादियों को जोड़ने की मांग की थी, जिसमें मसूद अजहर और उमर शेख के साथ मुश्ताक अहमद जरगर उर्फ लट्राम भी शामिल था।
आपको बता दें कि लट्राम तब चर्चाओं में आया था, जब 1989 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण हुआ था। इस अपहरण में उसकी भूमिका भी काफी अहम थी। इसके बाद साल 1992 में लट्राम की गिरफ्तारी हुई थी। लेकिन फिर 31 दिसंबर 1999 को विमान हाईजैक के चलते उसे छोड़ना पड़ा था।
लट्राम पहले तो जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट से जुड़ा हुआ था और जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमलों को अंजाम देता था। हालांकि बाद में उसने JKLF से संबंध तोड़ अपना खुद का अलग आतंकी संगठन अल-उमर मुजाहिदीन बना लिया था। उसके अल कायदा और जैश ए मोहम्मद जैसे अन्य आतंकवादी संगठनों के साथ उसका घनिष्ठ संबंध रहे हैं।
पाकिस्तान से ही काम कर रहा है जरगर
लट्राम UAPA अधिनियम के तहत एक घोषित आतंकवादी है और वो लगातार पाकिस्तान से ही काम कर रहा है। वो वहां बैठा-बैठा कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को वित्तीय मदद पहुंचाने का काम कर रहा है।
अब NIA ने मुश्ताक जरगर के खिलाफ ये बड़ी कार्रवाई की है। हालांकि उसके परिवार ने इस कार्रवाई पर विरोध जताया है और कहा है कि मकान में मुश्ताक का कोई शेयर नहीं है।