भारत और ऑस्ट्रेलिया (India vs Australia) के बीच बॉर्डर-गावस्कर सीरीज का तीसरा टेस्ट इंदौर के होल्कर स्टेडियम में खेला जा रहा है। इस पिच पर गेंदबाजों को काफी मदद मिल रही है और यही कारण है कि सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट स्पिनर्स को हाथ लगे हैं। हालांकि ऐसा माना जा रहा था कि ये पिच बल्लेबाजी के लिए अच्छी है लेकिन बल्लेबाज संघर्ष करते दिखाई दे रहे हैं। इस सीरीज में अबतक भारत के दो महान ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन ने कमाल की गेंदबाजी की है और कई विकेट भी चटकाए हैं।
नो-बॉल की समस्या बरकरार
यूं तो जडेजा ने काफी अच्छी सस्पेल डाली है लेकिन नो-बॉल की समस्या बरकरार दिखी है। जडेजा ने पहले दिन कई नो बॉल फेंके। एक बार तो उन्होंने लाबुशेन को नो बॉल पर बोल्ड किया। ऐसे में उनको अपनी गेंदबाजी में और सुधार लाना होगा। मालूम हो कि जडेजा टीम इंडिया के लिए एक प्रमुख ऑलराउंडर हैं और उन्होंने चोट के बाद शानदार वापसी की और कप्तान का भरोसा हासिल किया।
पिछले साल घुटने की सर्जरी के बाद जडेजा को पांच महीने तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ा था और इस साल जनवरी में क्रिकेट में वापसी करने का मौका मिला। नो बॉल को हटा दें तो बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में अभी तक उनका शानदार प्रदर्शन रहा है। गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले दो टेस्ट में उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया था।
सुनील गावस्कर ने की आलोचना
लेकिन भारत के पूर्व बल्लेबाज और कप्तान सुनील गावस्कर ने बहुत अधिक नो-बॉल फेंकने के लिए जडेजा की आलोचना की है। उन्होंने कहा- यह अस्वीकार्य है। उनके पास कुछ मैन ऑफ द मैच पुरस्कार हैं, लेकिन एक स्पिनर के लिए इस तरह से नो-बॉल फेंकना, भारत को इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है। पारस म्हाम्ब्रे (गेंदबाजी कोच) को उसके साथ बैठना होगा।
दूसरे दिन भारत की पारी
बहरहाल, टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने अपनी पहली पारी में 109 रन बनाए। जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने पहले दिन अपनी पहली पारी में चार विकेट गंवाकर 156 रन बनाए और 47 रन की बढ़त ले ली। दूसरे दिन भारत ने शानदार वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया को 197 रन पर रोक दिया। लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम ने खबर लिखे जाने तक 140 रन बना लिए हैं। फिलहाल भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया पर 52 रन की बढ़त ले ली है।