भारतीय अरबपति गौतम अडानी के लिए ये समय अच्छा नहीं चल रहा। हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट ने गौतम अडानी को बहुत भारी नुकसान पहुंचाया है। कुछ समय पूर्व जहां गौतम अडानी दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची में तीसरे नंबर पर आ गए थे, वो अब 27वें नंबर पर खिसक आए हैं। ये सबकुछ हुआ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद।
छह सदस्यीय विशेषज्ञ कमेटी का गठन
तब से ही अडानी और हिंडनबर्ग का मामला देश में सुर्खियों में बना हुआ है, जिस पर अलग अलग लोगों के अपने मत हैं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसला लेते हुए 6 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया है।
इस समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अभय मनोहर सप्रे करेंगे। साथ ही समिति के अन्य सदस्यों में ओपी भट्ट, जस्टिस जेपी देवधर, केवी कामथ, नंदन निलकेनी, सोमशेखर सुंदरेशन शामिल होंगे। कमेटी अडानी ग्रुप के शेयरों में कथित गड़बड़ियों से संबंधित जांच करेगी और उसके बाद सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट जमा करने के सुप्रीम कोर्ट ने समिति को दो महीनों का समय दिया है।
सेबी को भी रिपोर्ट सौंपने का दिया आदेश
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था सेबी को भी दो महीनों के भीतर जांच करने और स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। अदालत ने सुप्रीम कोर्ट से इन पहलूओं की जांच करने को कहा कि क्या सेबी के नियमों की धारा 19 का उल्लंघन हुआ है? क्या स्टॉक की कीमतों में कोई हेरफेर हुई है?
अडानी ने फैसले का किया स्वागत
आपको बता दें कि CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में 17 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर अडानी समूह की प्रतिक्रिया सामने आई है। गौतम अडानी ने कोर्ट के इस फैसला का स्वागत करते हुए कहा है कि सत्य की जीत होगी