Masane Ki Holi 2023 : देशभर में होली का त्यौहार बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता हैं। इस दिन पूरा देश रंगों से सराबोर होता है। इस वर्ष 8 मार्च को होली का पर्व मनाया जाएगा। हालांकि देश में विभिन्न जगहों पर अलग-अलग तरीकों से होली खेली जाती है। मथुरा में जहां फूलों, लड्डू और लठमार होली खेली जाती है। तो वहीं काशी में चिताओं की राख से होली (Masane Ki Holi 2023) खेली जाती हैं।
जानिए कब से शुरू हुई मसाने की होली की परंपरा
पौराणिक कथाओं के अनुसार वाराणसी के मर्णिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर भगवान शिव जी (Lord Shiva) विचित्र ढंग से होली खेला करते थे। जब शिव जी रंगभरी एकादशी के दिन माता गौरी (Mata Gauri) का गौना कराने के बाद उनके साथ काशी आए थे। इसके बाद उन्होंने वहां पर गुलाल और अबीर के साथ होली खेली थी। लेकिन देवता भूत-प्रेत, पिशाच, गंधर्व और यक्ष आदि के साथ होली नहीं मना पाए थे। इसलिए उन्होंने रंगभरी एकादशी के अगले दिन भूत-प्रेत व पिशाचों के साथ होली का पर्व मनाया था। तभी से हर वर्ष काशी में ‘मसाने की होली’ (Masane Ki Holi 2023) यानि चिताओं की भस्म से होली खलने की परंपरा की शुरू हो गई।
हरिश्चंद्र घाट में महाश्मशान नाथ की आरती के बाद काशी में ‘मसाने की होली’ (Masane Ki Holi 2023) खेली जाती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार चिताओं की भस्म से होली खेलने से भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता हैं। साथ ही घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
जानिए महत्वपूर्ण तिथियां
- रंगभरी एकादशी कब मनाई जाएगी- 3 मार्च 2023
- होलिका दहन कब होगा- 7 मार्च 2023
- होली का पर्व कब मनाया जाएगा- 8 मार्च 2023
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