पंजाब में हालात बिगड़ते नजर आ रहे हैं। खालिस्तान की मांग एक बार फिर से जोर पकड़ने लगी है। इस बीच अमृतपाल सिंह का नाम भी काफी सुर्खियों में बना हुआ है। वो अमृतपाल सिंह जिसने अपने एक साथी लवप्रीत ‘तूफान’ को अजनाला जेल से छुड़ाने के लिए बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ थाने पर ही हमला बोल दिया था। उन अमृतपाल सिंह का भारत के विरुद्ध विवादित बयानबाजी करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
अमृतपाल का विवादित बयान
अमृतपाल सिंह जिसने अपने आप को भारतीय मानने से ही इनकार कर दिया था। उसने अब एक और विवादित बयान देते हुए कहा है कि पंजाब भारत अभिन्न अंग ही नहीं है। वे यही नहीं रुका। उसने इस दौरान ये तक कहा कि लाहौर और ननकाना साहिब के बिना पंजाब की तस्वीर नहीं बनती है। इससे पहले अमृतपाल सिंह अपने एक बयान में ये तक कह चुका है कि वह अपने आपको भारतीय नहीं मानता है। एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में अमृतपाल ने कहा था कि भारतीय पासपोर्ट महज एक दस्तावेज है और इससे वह भारतीय नहीं बन जाता।
कौन हैं अमृतपाल सिंह ?
आपको बता दें कि अमृतपाल सिंह पिछले साल से ही भारत में रह रहा हैं। इससे पहले वो दुबई में एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम कर रहा था। अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिद्धू तो आपको याद ही होंगे, जिसकी पिछले साल एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। इन्हीं दीप सिद्ध द्वारा स्थापित एक सामाजिक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख के रूप में पदभार भी अमृतपाल ही संभाल रहा है। अमृतपाल को पंजाब में उभरते हुए नए भिंडरावाले की तरह भी देखा जा रहा है।
कुछ दिनों पहले ही गृह मंत्री अमित शाह ने अपने एक बयान में कहा था कि उनकी सरकार खालिस्तान के इस आंदोलन को जड़ से खत्म कर देगी। जिसके बाद अमृतपाल ने इंदिरा गांधी का संदर्भ लेते हुए ये तक कह दिया था कि जो अमित शाह कह रहे हैं, वो कभी इंदिरा गांधी ने भी कहा था। जैसा नतीजा उनका हुआ है, वैसा ही अमित शाह का भी हो सकता है। अमृतपाल ने आगे ये भी कहा था कि अमित शाह एक बार हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग करने वालों को लेकर ये बात कहें, तब देखेंगे कि कितने समय तक वो गृह मंत्री बने रहते हैं।