Sunday, November 24, 2024
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Transient Ischemic Disease : ट्रांजियंट इस्केमिक अटैक का बढ़ रहा है खतरा, जानिए बचाव के उपाय

Transient Ischemic Disease : बदलती लाइफस्टाइल और अनहेल्थी भोजन से अधिकांश लोगों के स्वास्थ पर बुरा असर पड़ रहा है। साथ ही कई गंभीर बीमारियों के होने का खतरा भी बढ़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के लगभग 41% लोगों पर ट्रांजियंट इस्केमिक अटैक का खतरा मंडरा रहा है। जो कि ब्रेन स्ट्रोक का शार्ट वर्जन है। आमतौर पर इस अटैक के लक्षण करीब एक घंटे में खत्म हो जाते हैं और एक घंटे बाद सब ठीक हो जाता है। इसे आप मिनी स्ट्रोक भी कह सकते है जो शरीर पर कोई निशान नहीं छोड़ता है। लेकिन जल्द वापस आता है जिसमें व्यक्ति की जान भी जा सकती हैं ।

बता दें कि अगर ये किसी इंसान को बिना किसी दवाई के और बिना किसी थेरेपी के आता है तो यकीनन ही ये उसके लिए खतरा बन सकता है। स्टडी के मुताबिक अटैक (Transient Ischemic Disease) आने के लगभग तीन माह के अंदर हर पांच में से एक व्यक्ति को जानलेवा स्ट्रोक आ सकता है।

ट्रांजियंट इस्केमिक अटैक के लक्षण (Transient Ischemic Disease Symptoms)

  • अचानक चक्कर आना
  • बोलने में दिक्कत होना
  • शरीर के एक हिस्से में नंबनेस जैसा महसूस होना
  • धुंधला दिखना
  • चलने में दिक्कत होना
  • चेहरा लटक जाना
  • नसों का नीला होना
  • हाथ-पैरों में नसों का गुच्छा बनना
  • पैरों में सूजन आना
  • मसल्स में दर्द और ऐंठन आना
  • स्किन पर अल्सर
  • कमजोरी महसूस होना

ट्रांजियंट इस्केमिक अटैक के कारण (Transient Ischemic Disease Causes)

आमतौर पर सर्कुलेटरी सिस्टम यानि नसों में परेशानी आने की वजह से ट्रांजियंट इस्केमिक अटैक आता है। फिजिकल एक्टिविटी नहीं करने से नसें कमजोर होने लगती है जिससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है। दिमाग में रक्त का प्रॉपर फ्लो नहीं होने से स्ट्रोक आने का खतरा भी बढ़ जाता हैं। इसके अलावा डायबिटीज, मोटापा, हाइपर टेंशन, फैमिली हिस्ट्री, लगातार खड़े रहना, हार्मोनल चेंजेज और वैरिकोज वेन्स जैसी गंभीर समस्या में भी स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है।

ट्रांजियंट इस्केमिक अटैक से बचाव के उपाय (Measures to Prevent Transient Ischemic Disease)

  • रोजाना आधे घंटे योगाभ्यास करें
  • टाइट कपड़े पहनने से बचें
  • फल और हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं
  • नर्व्स की एप्पल विनेगर या जैतून के तेल से मसाज करें
  • नसों पर बर्फ से मसाज करें
  • वजन को कंट्रोल करें
  • भोजन में नमक की मात्रा को कम करें
  • कम से कम चीनी खाएं

Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि southblockdigital.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

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