Friday, November 22, 2024
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Barsana Holi 2023 : बरसाना की लट्ठमार होली का क्या है इतिहास, जानिए किस दिन मनाई जाएगी

Barsana Lathmar Holi 2023 : बरसाना की लट्ठमार होली विश्वभर में प्रसिद्ध है। दूर-दूर से लोग यहां होली खेलने आते हैं। हर वर्ष फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को बरसाना में लट्ठमार होली खेली जाती है। इस साल 28 फरवरी 2023 दिन मंगलवार को लट्ठमार होली खेली जाएगी। धार्मिक मान्यता के अनुसार ब्रज की होली (Barsana Lathmar Holi 2023) का इतिहास भगवान श्रीकृष्ण और गोपियों के जीवन से जुड़ा हुआ है। पहले के समय में कृष्ण जी जिस प्रकार गोपियों के साथ होली खेलते थे, वैसे ही दृश्य को हर बार यहां दर्शाने का प्रयास किया जाता हैं।

जानिए बरसाना की लट्ठमार होली का इतिहास

हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार बरसाना की लट्ठमार होली (Barsana Lathmar Holi 2023) की शुरूआत होली से एक दिन पहले फाग आमंत्रण के साथ होती है। नगर की सखी फाग खेलने का आमंत्रण नंदगांव लेकर जाती है। इस बार 27 फरवरी 2023 को बरसाना से नंदगांव फाग आमंत्रण भेजा जाएगा। फिर उसी दिन नंदगांव से एक पांडा आमंत्रण को स्वीकार करने का संदेश बरसाना के लाडली जी के मंदिर में लेकर आता है। मंदिर में स्वीकृति का संदेश पहुंचते ही होली के उत्सव का आरंभ हो जाता हैं।

इसके बाद पांडा को खाने के लिए लड्डू दिया जाता है जिसे वह खुशी के तौर पर सभी लोगों में लुटाता है। मंदिर में मौजूद सभी लोगों को प्रसाद के रूप में लड्डू दिया जाता है और लड्डू होली मनाई जाती हैं। इसके बाद अगले दिन यानि नवमी तिथि पर नदंगांव के हुरियारे होली खेलने के लिए बरसाना आते है जहां उनका स्वागत रंग, मिठाइयों और लट्ठ के साथ किया जाता है।

बरसाना की गोपियों उन पर गुलाल डालने के साथ-साथ उन पर लट्ठ मारती है और वह उससे बचने का प्रयास करते है। इसी प्रकार पूरे दिन वहां होली खेली जाती हैं। मान्यता के मुताबिक द्वापर युग में भगवान कृष्ण गोपियों के साथ इसी तरह होली खेलते थे। इसलिए हर वर्ष वहां इसी तरह लट्ठमार होली (Barsana Lathmar Holi 2023) खेली जाती हैं।

Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि southblockdigital.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

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