JNU को लेकर रविवार को एक और विवाद सामने आया है। दरअसल, एबीवीपी का आरोप है कि रविवार को जेएनयू में छात्रसंघ कार्यालय में वामपंथियों के द्वारा वीर शिवाजी के चित्र से माला उतारकर उसको कूड़े के डिब्बे में डाल दिया गया इतना ही नहीं महापुरुष शिवाजी महाराज की प्रतिमा को भी उठाकर फेंक दिया गया। इसी बात को लेकर रविवार देर रात JNU में एक बार फिर बवाल हो गया।
जेएनयू कैंपस में बवाल
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय एक बार फिर विवादों से घिर गया है। जानकारी के मुताबिक, कल देर रात यानी रविवार को JNU में एक बार फिर बवाल हो गया। जेएनयू कैंपस में बवाल के बाद दिल्ली पुलिस कैंपस में भारी संख्या में पहुंची। आपको बता दे कि, इस बार शिवाजी महाराज की प्रतिमा को लेकर कैंपस में जमकर हंगामा हुआ है। वहीं ABVP ने आरोप लगाते हुए है कि SFI से जुड़े छात्रों ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा को उठाकर फेंक दिया और उसकी माला को कूड़े के डिब्बे में डाल दिया। जिस बात को लेकर रविवार को देर रात जेएनयू में काफी बवाल हुआ। शिवाजी जयंती के मौके पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और लेफ्ट के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए हैं। कैंपस में बवाल की जानकारी मिलने पर दिल्ली पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस की टीम ने छात्रों को शांत करवाया।
ABVP महासचिव ने कहा
जानकारी के मुताबिक, ABVP महासचिव ने कहा कि शिवाजी महाराज की जयंती पर हमने एक्टिविटी सेंटर में एक प्रतिमा रखी थी। लेकिन एसएफआई से जुड़े छात्रों ने उसे कमरे से बाहर फेंक दिया और माला को कूड़े के डिब्बे में डाल दिया।
NSUI महासचिव ने कही ये बात
इस मामले पर NSUI महासचिव ने कहा कि ABVP सदस्यों ने JNUSU कार्यालय में शिवाजी का चित्र रखा था जिसके लिए JNUSU प्रतिनिधिमंडल से अनुमति की आवश्यकता थी। इसके बावजूद उन्होंने इसे अवैध तरीके से किया। अन्य छात्रों ने वहां आकर स्क्रीनिंग कार्यक्रम के लिए सभी पोट्रेट हटा दिए जिसके चलते ABVP और SFI में लड़ाई छिड़ गई।