खूंखार आतंकी संगठन अलकायदा को नया चीफ मिल गया है। ओसामा बिन लादेन के वफादार सैफ अल आदेल को अलकायदा का नया चीफ बनाया गया है। संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) की सिक्योरिटी काउंसिल (Security Council) ने एक रिपोर्ट जारी कर इसकी जानकारी दी है। बता दे कि यह इजिप्ट की स्पेशल फोर्स का पूर्व अफसर है जो फिलहाल ईरान से आतंकी संगठन को चला रहा है।
अल जवाहिरी की मौत की बाद पद था खाली
अमेरिका में 9/11 आतंकी हमले का मुख्य आरोपी अल जवाहिरी (Al Zawahiri) की मौत के बाद से ही यह पद खाली था। लेकिन अब सैफ अल आदेल को अलकायदा का नया चीफ चुना गया है। बता दे कि अफगानिस्तान के काबुल में अमेरिका ने ड्रोन हमला कर अल जवाहिरी को ढेर कर दिया था। वहीं ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद अल जवाहिरी ही आतंकी संगठन अलकायदा को संभाल रहा था। अल जवाहिरी की मौत के बाद से ही सैफ अल आदेल अलकायदा की कुर्सी पर बैठने के लिए राह ताक रहा था। वहीं हाल में मिली जानकारी के मुताबिक सैफ अल आदेल को अलकायदा का नया चीफ बना दिया गया है।
कौन है सैफ अल आदेल
62 साल का सैफ मिस्र के विशेष बलों में लेफ्टिनेंट-कर्नल रह चुका है। आदेल कई बड़े आतंकी हमलों को भी अंजाम दे चुका है। आपको बता दे कि साल 1998 में तंजानिया और केन्या में अमेरिकी दूतावास पर हुए बमबारी की साजिश में अल आदेल का ही हाथ था। इस बमबारी की घटना में 224 नागरिकों की मौत हुई थी जबकि 5 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे। वहीं 9/11 को हुए हमलों में उसने कुछ हाईजैकर्स को भी प्रशिक्षण दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सैफ 2002 या 2003 से ईरान में ही है। और अब खूंखार आतंकी संगठन अलकायदा का नया प्रमुख बन गया है।
अमेरिकी ने 10 मिलियन डॉलर इनाम ( 82 करोड़)
यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक, अल आदेल को पकड़ने के लिए अमेरिका ने 10 मिलियन यानी 82 करोड़ की इनाम की घोषणा की है। वहीं विभाग का कहना है कि सैफ अल आदेल इन दिनों ईरान में छिपकर बैठा है और रिवॉर्ड्स फॉर जस्टिस प्रोग्राम (Rewards for Justice Program) ने उसके बारे जानकारी देने वाले को 10 मिलियन डॉलर इनाम देने की घोषणा की है। जानकारी के मुताबिक, अल आदेल पुराने हाई प्रोफाइल नेताओं से विपरीत है वह पर्दे के पीछे रहकर काम करने के लिए जाना जाता है।
कई बड़े आतंकी वारदात में सैफ अल आदेल का हाथ
सैफ अल-आदेल का अर्थ है ‘सोर्ड ऑफ जस्टिस’ यानी न्याय की तलवार। आदेल का जन्म मिस्र में हुआ था लेकिन साल 1988 में मिस्र के राष्ट्रपति अनवर अल सादात की हत्या के बाद वो अफगानिस्तान भाग गया था। अफगानिस्तान पहुंचकर वह सोवियत सेना को बाहर करने में जुट गया और मुजाहिदीनों ने इसमें उसका साथ दिया। यहां से वह आतंकी वारदातों को अंजाम देने की ट्रेनिंग लेते रहा। यह इजिप्ट की स्पेशल फोर्स का पूर्व अफसर है, जो फिलहाल में ईरान से आतंकी संगठन को चला रहा है।