दिल्ली में एक पुलिसवाले पर स्ट्रीट डॉग को लाठी से मारने के मामले में अदालत ने कड़ा एक्शन लिया है। पुलिसकर्मी पर एक कुत्ते को लाठी से मारने का आरोप लगाया गया है। जिस पर अदालत ने आरोपी एएसआई रवींद्र के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। दरअसल, जनवरी 2022 में एक कुत्ते को लाठी से पुलिसवाले के मारने का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हुआ था। जिसके बाद पशु प्रेमियों ने कुत्ते पर हुई क्रूरता को देखते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। लेकिन अब इस मामले को लेकर सीधा अदालत ही एक्शन में आ गई है।
जाने पूरा मामला
जनवरी 2022 में एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा था। इस वीडियो में एक पुलिसकर्मी वर्दी पहनकर एक गली के कुत्ते को लाठी से दर्दनाक तरीके से मारता हुआ नजर आया। जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो 10 जनवरी 2022 की सुबह 10:40 बजे जाफराबाद की गली नंबर-44 में घटी। वीडियो में कुत्ते के साथ हुई क्रूरता को लेकर पशु प्रेमियों ने पुलिसकर्मी के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई। लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं इस मामले पर अब अदालत ने सीधा एक्शन ले लिया है। पुलिसकर्मी के खिलाफ दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में इस केस की सुनवाई चल रही है। आपको बता दे कि ये याचिका दायर की है डॉ. अशर और निहारिका कश्यप ने। रिपोर्ट के मुताबिक, आरोप है कि गली के एक कुत्ते को पुलिसकर्मी बेवजह बुरी तरह लाठी से पीटा। कुत्ते को इस उद्देश्य से पीटा गया कि वो अपंग हो जाए। इस मामले में पुलिस के द्वारा को कार्रवाई भी नहीं की गई। जिसके बाद पशु अधिकार संस्था ने इस मामले को अपने अंदर लेकर इंसाफ की मांग की। डॉक्टर आशोर जेसुडोस और ए.कुकरेजा सहित अन्य लोगों ने भी कोर्ट में केस दायर किया। वहीं निहारिका कश्यप ने भी अलग से केस दाखिल किया है। जिसके फलस्वरूप अदालत इस मामले में फूल फार्म में आ गई है।
कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड में दर्ज कराए गए वीडियो में साफ दिख रहा है कि पुलिसकर्मी कुत्ते पर लाठियां बरसा रहा है। जबकि पिटाई के दौरान या उससे पहले भी कुत्ता, आरोपी पर हमला करते हुए नहीं दिख रहा है। वो जमीन पर पड़ा हुआ है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस की जिम्मेदारी है कि केस की निष्पक्ष जांच करे और सबूत इकट्ठा करे। अदालत ने मामले से जुड़े सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद जाफराबाद थाने के एसएजओ को एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा है। अदालत ने डीसीपी से किसी स्वतंत्र यूनिट से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने का आदेश भी दिया है।