दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में बॉर्डर-गावस्कर सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा है। भारत के दिग्गज ओपनर शिखर धवन प्लेइंग-11 का हिस्सा नहीं हैं। उन्हें इस टेस्ट सीरीज के लिए स्क्वॉड में जगह नहीं दी गई। धवन लंबे वक्त से क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में से किसी का हिस्सा नहीं हैं। बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक धवन ने 2013 में टीम इंडिया में दमदार वापसी की थी और लगभग एक दशक तक टीम के साथ जुड़े रहे। 2021 में उन्होंने भारत की कप्तानी भी की और 2022 में भी वह टीम इंडिया के कप्तान रहे। हालिया एक इंटरव्यू में उन्होंने कई बातें बोली है आइये जानते हैं।
विराट मेरा अच्छा दोस्त है- शिखर धवन
धवन से पूछा गया कि कोहली के कप्तान बनने के बाद उनके रिश्ते कैसे बदले तो उन्होंने कहा “अगर इगो पर ले लोगे तो टसल आएगी ही आएगी। ये तो इगो की बात आ गई ना।” धवन ने बताया कि अगर मैं यह सोचता रहा कि मैं सीनियर हूं और मैं उनके नीचे खेल रहा हूं। तब इगो होगा। मेरे लिए यह सब छोटी सोच है और इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। यह किसी काम का नहीं है। विराट मेरा अच्छा दोस्त है। हमारी अच्छी बनती है और हम हमेशा मजाक करते रहते हैं। वह टीम इंडिया में एक सीनियर खिलाड़ी है। मैं उसकी टांग खींच सकता हूं, युवा खिलाड़ी ऐसा नहीं कर सकते। वह एक बड़ा खिलाड़ी है।”
कोहली को आक्रामकता दिखाने का शौक
धोनी और विराट की कप्तानी पर धवन ने कहा “सभी अलग-अलग तरह के खिलाड़ी हैं। धोनी बेहद शांत स्वभाव के हैं। वह हमेशा अपने खिलाड़ियों का समर्थन करते थे। धोनी का शांत व्यक्तित्व है। वह दबाव की स्थिति में शांत रहते थे। ऐसा नहीं है कि वह स्टंप्स के पीछे से ही खेल को पढ़ सकते हैं। एक खिलाड़ी जो खेल की अच्छी समझ रखता है, वह मैदान पर किसी भी जगह से मैच को पढ़ सकता है। यही उस व्यक्ति की बुद्धिमानी है। विराट की बात करें तो उनका किरदार अलग है। वह हमेशा आक्रामक बल्लेबाज रहे हैं। उन्हें आक्रामकता दिखाने का भी शौक है। इसलिए वह उस चरित्र के कप्तान रहे हैं।”