Sita Ashtami 2023 : हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जानकी जयंती मनाई जाती है। सुहागिन महिलाओं के लिए जानकी जयंती का विशेष महत्व है। इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं। हिन्दू धर्म में जानकी जयंती को माता सीता के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष भगवान राम जी की पत्नी व राजा जनक की पुत्री माता सीता का प्राकट्य उत्सव 13 फरवरी 2023 को मनाया जाएगा।
माता जानकी का व्रत रखने से घर-परिवार में सुख, शांति, समृद्धि, वैभव और धन का वास होता है। साथ ही घर के सभी सदस्यों की आयु में वृद्धि होती है। हालांकि देश के कई राज्यों में इसे सीता अष्टमी (Sita Ashtami 2023) के पर्व के नाम से भी जाना जाता हैं क्योंकि माता सीता को जानकी नाम से जाना जाता है।
सीता अष्टमी के व्रत का महत्व
सीता माता को उनके त्याग एवं समर्पण के लिए पूजा जाता हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार जानकी जयंती के दिन राम जी और माता सीता की पूजा-अर्चना करने से सभी कष्ट दूर होते है। साथ ही विष्णु जी और मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है। जानकी जयंती (Sita Ashtami 2023) के दिन सुबह जल्दी स्नान करने के बाद मंदिर में दीपक प्रज्वलित करें। साथ ही व्रत का संकल्प लें। इसके बाद राम जी और माता सीता की पूजा करें और माता को सोलह श्रृंगार का सामान अर्पित करें।
शाम को सीता माता की आरती करने के बाद व्रत खोलें और भगवान राम और माता सीता को प्रसाद का भोग लगाएं। पति की लंबी आयु के लिए भी जानकी जयंती का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान राम और माता सीता की पूजा करने से व्यक्ति को सोलह महा दान और पृथ्वी दान का फल मिलता हैं।
सीता अष्टमी तिथि
इस बार फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 13 फरवरी 2023 की सुबह 8 बजकर 15 मिनट से हो रहा है जिसका समापन अगले दिन 14 फरवरी 2023 की सुबह 7 बजकर 40 मिनट पर होगा। हालांकि उदया तिथि के आधार पर सीता अष्टमी (Sita Ashtami 2023) 14 फरवरी 2023 को मनाई जाएगी।
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