Belpatra Chadhane Ke Niyam : हिन्दू धर्म में हर एक देवी-देवता को किसी-न-किसी चीज का भोगा लगाया जाता हैं, जो उनको बहुत ज्यादा प्रिय होती है। देवों के देव महादेव की पूजा को बेलपत्र के बिना अधूरा माना जाता है। भगवान शिव की पूजा का सबसे महत्वपूर्ण भाग बेलपत्र को ही माना जाता हैं।
मान्यताओं के अनुसार शिव जी (Lord Shiva) को बेलपत्र अर्पित करने से वह प्रसन्न होते है। साथ ही ये भी कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति सावन माह में शिव जी को बेलपत्र अर्पित करता है, उसे 1 करोड़ कन्यादान के बराबर पुण्य मिलता है। आज हम आपको इस आर्टिकल में शिवलिंग (shivling) पर बेलपत्र (Belpatra Chadhane Ke Niyam) चढ़ाने के नियम और उससे होने वाले लाभ के बारें में विस्तार से बतांएगे।
बेलपत्र का महत्व
बता दें कि बेलपत्र तीन पत्तियों से मिलकर बनता है। हिन्दू मान्यता के अनुसार कई लोग बेलपत्र (Belpatra Chadhane Ke Niyam) को शिव जी के त्रिशूल का प्रतीक भी मानते हैं। जबकि कुछ लोग इसे भगवान शिव (Lord Shiva) के त्रि नेत्र का प्रतीक मानते है। इसके अलावा कुछ लोग बेलपत्र को ब्रम्हा, विष्णु और महेश का प्रतीक मानते है।
बता दें कि शिव जी को हमेशा तीन पत्तियों वाला बेलपत्र साफ पानी से धोने के बाद ही अर्पित करना चाहिए, जिसमें कोई दाग-धब्बा न हो। इसके अलावा कटे-फटे या मुरझाए बेलपत्र भी अर्पित नहीं करने चाहिए। शिवलिंग (shivling) पर हमेशा बेलपत्र के चिकने हिस्से को नीचे रखे और रूखे हिस्से को ऊपर की तरफ। भगवान शिव को 1, 11 या 21 की संख्या में बेलपत्र (Belpatra Chadhane Ke Niyam) अर्पित करना शुभ होता हैं।
शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के फायदे
- शिव जी को बेलपत्र (Belpatra Chadhane Ke Niyam) अर्पित करने से परिवार से दरिद्रता दूर होती हैं। साथ ही घर में धन-धान्य का आगमन होता है।
- बेलपत्र (Belpatra Chadhane Ke Niyam) पर चंदन से ओम नम: शिवाय या राम लिखकर शिव जी को अर्पित करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं। साथ ही सभी परेशानियों का नाश होता है।
- भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र अर्पित करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता हैं।
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