Betel Leaves beneficial for Uric Acid : आज के समय में यूरिक एसिड की समस्या लगातार बढ़ती जा रही हैं। अधिकांश लोगों में ये समस्या देखी जा रही है। शरीर में यूरिक एसिड गंदगी की तरह जम जाता है, जिसके ज्यादा बढ़ने से गंभीर बीमारियों के होने का खतरा भी बन रहता है। दिल के दौरे, किडनी की बीमारी और जोड़ों की दिक्कत आदि जैसी कई समस्यायों का कारण खून में यूरिक एसिड की बड़ी मात्रा ही होती हैं। हालांकि कुछ चीजों के सेवन से इसे कंट्रोल भी किया जा सकता है।
हाल ही में की गई स्टडी में पता चला है कि यूरिक एसिड (Betel Leaves beneficial for Uric Acid) की समस्या में पान के पत्तों का सेवन बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है। शरीर को डिटॉक्सीफाई करने के साथ-साथ पान के पत्ते कई हानिकारक पदार्थों को भी बाहर निकालते हैं। पत्तों के बायोएक्टिव कंपाउंड हाइड्रोक्सीचैविकोल, शरीर में यूरिया की मात्रा को बढ़ने से रोकते हैं। साथ ही कई बीमारियों में भी इसका (Betel Leaves beneficial for Uric Acid) सेवन लाभदायक होता है। बता दें कि पान के पत्ते को खाली पेट चबाने के साथ-साथ इसका जूस बनाकर भी पीया जा सकता हैं। दोनों ही तरीकों से सेहत को इसका लाभ मिलता है।
यूरिक एसिड में पत्तों के फायदे
- बता दें कि पान के पत्तों (Betel Leaves beneficial for Uric Acid) में गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं, जिनका इस्तेमाल गैस्ट्रिक अल्सर में किया जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट की भी विशेषता होती है, जिससे एंजाइमी गतिविधियों को बढ़ाया जा सकता हैं। साथ ही प्यूरिन पचाने में भी सहायता होती है। इसके अलावा इसकी मदद से प्रोटीन भी तीजी से पचता है, जिससे शरीर में प्यूरिन जमा नहीं होता। इस तरह यह प्यूरिन पचाने में सहायक होता है।
- पान के पत्तो (Betel Leaves beneficial for Uric Acid) के डिटॉक्सिफाइंग गुणों से शरीर बहुत तेजी से साफ होता है, जिससे यूरिया आसानी से बाहर निकलता है। साथ ही गाउट के दर्द में भी राहत मिलती हैं।
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