झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम स्थित एक अस्पताल के पीछे बंद पड़े मुर्दा घर में सोमवार की मध्य रात्रि आग लग गई। आग लगने से अमीर हुसैन उर्फ काना व उसकी 4 साल की बेटी की जिंदा जलने से मौत हो गई। दरअसल, दोनों कई वर्षों से मुर्दा घर में अवैध तरीके से रह रहे थे। मुर्दा घर के सुनसान जगह पर होने के कारण आग की भनक किसी को भी नहीं लगी। पुलिस को घटना की जानकारी मिलने पर शवों को फौरन कब्जे में कर लिया गया। फिलहाल पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
कबाड़ बेचकर मृतक करता था परिवार का गुजारा
यह सनसनीखेज मामला झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम स्थित चाईबासा में सेल की किरीबुरु-मेघाहातुबुरु जेनरल अस्पताल के पीछे वर्षों से बंद पड़े मुर्दा घर का है। इस मुर्दा घर में कई वर्षों से अमीर हुसैन उर्फ काना व उसकी मासूम बेटी (4 वर्ष) अवैध तरीके से रह रहे थे। मृतक काना की तीन बेटी और एक बेटा है। वह कबाड़ी, प्लास्टिक बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण करता था। मिली जानकारी के मुताबिक, मृतक का बाकी परिवार मंगलाहाट हाटिंग में रहता है। मृतक की बड़ी बेटी ने बताया कि, घटना की जानकारी उन्हें एक महिला ने दी थी। जिसके बाद उन्होंने मुर्दा घर में जाकर अपने परिजनों की तलाश की जहां उनके जलकर मौत होने की खबर मिली। घर में आग कैसे लगी इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए चाइबासा भेज दिया गया है।
आग कैसे लगी इसकी कोई जानकारी नहीं है
दरअसल, हादसे के समय अमीर हुसैन अपनी बेटी के साथ घर के अंदर से ताला लगाकर सोया हुआ था। इसलिए यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि घर के अंदर आग कैसे लगी। आग बिजली के तार शार्ट सर्किट की वजह से भी लग सकती है। किरीबुरू के इन्स्पेक्टर वीरेन्द्र एक्का, थाना प्रभारी फिलमोन लकड़ा घटनास्थल पर पहुंच कर मामले की जांच कर रहे हैं।