भारत का प्रदर्शन बीते दो सीरीज में काफी शानदार रहा है। भारत ने पहले श्रीलंका उसके बाद न्यूजीलैंड का सूपड़ा साफ किया। हाल ही में न्यूजीलैंड को तीन मैचों की वनडे सीरीज में 3-0 के बड़े अंतर से भारत के हाथों हार मिली। लेकिन खिलाड़ियों का चोटिल होना लगातार जारी है। जसप्रीत बुमराह और रविंद्र जाडेजा चोट के कारण टीम इंडिया से बाहर हैं। पिछले कुछ सालों में भारत को मिली हार का एक बड़ा कारण खिलाड़ियों का चोटिल होना भी है। इन सभी चीजों का असर कहीं ना कहीं टीम कॉम्बिनेशन पर पड़ता है। इसी सिलसिले में भारत के पूर्व कप्तान कपिलदेव ने भी नाराजगी जाहिर किया है।
क्रिकेट कोई साधारण खेल नहीं
दरअसल, अपने बयान में कहा कि क्रिकेट कोई साधारण गेम नहीं है। कपिलदेव ने कहा, ‘टीम इंडिया के ज्यादातर खिलाड़ी चोट के चलते टीम से बाहर रहते है। मैं कहता हूं जितना अधिक आप खेलेंगे उतनी अधिक चोटें लगेंगी। क्रिकेट कोई साधारण खेल नहीं है। आपको इसे खेलने के लिए एथलेटिक होना होगा, सभी मांसपेशियों का उपयोग करना होगा और अलग-अलग जमीनी परिस्थितियों और कठोरता पर खेलना होगा। हर चीज को अपनाना इतना आसान नहीं है, यह शरीर पर भारी पड़ता है।’
गेंदबाजों को दिया अहम सलाह
टीम इंडिया ने कपिल देव की कप्तानी में पहली बार साल 1982 में वनडे वर्ल्ड कप अपने नाम किया था इसके अलावा कपिल देव के नाम कई शानदार रिकार्ड्स हैं कपिल देव ने 74 वनडे मैचों के अलावा 34 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की। वे भारत के दिग्गज क्रिकेटरों में से एक रहे हैं। उन्होंने आगे कहा-
”जितना ज्यादा आप नेट पर गेंदबाजी करेंगे, आपकी मांसपेशियां उतनी ही ज्यादा विकसित होने लगेंगी। पेशेवर स्तर पर खेलने के लिए तनाव होता है, तो शरीर में दरार पड़ने लगती है। उन्हें किसी भी चीज से ज्यादा गेंदबाजी करनी होती है।”