बिहार के शिक्षा मंत्री ने धार्मिक ग्रंथ ‘रामचरितमानस’ को लेकर बड़ा बयान दिया है। दरअसल, चंद्रशेखर ने ‘रामचरितमानस’ को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया है। इस विवादित बयान के कारण शिक्षा मंत्री ने अपने आप को कटघरे में खड़ा कर लिया है। दरअसल, चंद्रशेखर ने ये बड़ा बयान नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह में बुधवार को छात्रों को संबोधित करते हुए दिया था। उन्होंने कहा कि ‘रामचरितमानस’ और ‘मनुस्मृति’ समाज को बांटते हैं। जिस पर अब राजनीति होती दिख रही है। चंद्रशेखर की हर तरफ से भर-भर के निंदा की जा रही है। वहीं शिक्षा मंत्री ने इस मामले में माफी मांगने से भी इनकार कर दिया है।
दरअसल, बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह में बुधवार को ‘रामचरितमानस’ को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया है। उनके इस बयान पर विपक्षी पार्टियों के द्वारा जमकर पलटवार किया जा रहा है। इस विवाद में चंद्रशेखर को पढ़ा लिखा मूर्ख बताया जा रहा है। वहीं विपक्ष का कहना है कि शिक्षा मंत्री का ये बयान उनकी छोटी मानसिकता को दर्शाती है। वह हिन्दु होकर भी धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस को एक समाज के बटवारे की किताब बताया है।
चंद्रशेखर का रामचरितमानस पर बड़ा बयान
शिक्षा मंत्री ने मंगलवार को दीक्षांत समारोह के दौरान कहा था, “रामचरितमानस का विरोध क्यों किया गया? इसमें कहा गया है कि निचली जातियों के लोग शिक्षा प्राप्त करने के बाद सर्प की तरह खतरनाक हो सकते हैं।” चंद्रशेखर ने कहा, “भगवा विचारक गुरु गोलवलकर की मनुस्मृति, रामचरितमानस, बंच ऑफ थॉट्स नफरत फैलाते हैं। प्यार, नफरत नहीं, देश को महान बनाता है।” उन्होंने कहा है कि मनुस्मृति और रामचरितमानस जैसे श्रद्धेय हिंदू ग्रंथ दलितों, अन्य पिछड़े वर्गों और शिक्षा प्राप्त करने वाली महिलाओं के खिलाफ हैं।
गृह मंत्री अनिल विज का पलटवार
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के विवादित बयान के कारण उनकी पूरे देश में आलोचना हो रही है। वहीं हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने भी उनके बयान पर जबरदस्त पलटवार करते हुए कहा कि मंत्री महोदय ने मुझे नहीं लगता रामचरितमानस को पढा है और अगर पड़ा है तो उनके बयान से ऐसा लगता है कि उनकी इतनी बुद्धि नहीं है कि वह इसको समझ सके। उन्होंने कहा कि यह देश राम का है और जो राम का नहीं, वह किसी काम का नहीं।
क्या देश में नफरत फैलाना चाहते है चंद्रशेखर?
विपक्ष का कहना है कि इस तरह के बयान देकर शिक्षा मंत्री देश में वैमनस्य (नफरत) फैला रहे है। इस तरह का बयान सनातनियों का अपनाम बताया जा रहा है। इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए विपक्षी दलों ने कहा कि शिक्षा मंत्री दिमाग से पैदल है और मानसिक रूप से बीमार है तभी उनके द्वारा इस प्रकार का कथन कहा गया है। विपक्षी पार्टियों ने उन्हें रामचरितमानस पढ़ने की सलाह दी है ताकि उनके मन का मैल धुल जाए।