बिहार के बक्सर में आंदोलन कर रहे किसानों के बीच कल देर रात जबरदस्त झड़प हो गई। दरअसल, बिहार के बक्सर में जमीन मुआवजे को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने जमकर हंगामा मचाया। इतना ही नहीं गुस्साए ग्रामीणों ने चौसा पावर प्लांट पर भी हमला बोल दिया है। इतने पर भी नहीं रूकने के बाद आंदोलन कर्मियों ने पुलिस के साथ झड़प और पुलिस की गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया।
यह मामला बिहार के बक्सर का है। दरअसल, यहां चौसा में एसजेवीएन (SJVN) के द्वारा पावर प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण पर किसान बीती रात मुआवजे की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे थे। तभी भीड़ को हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। जिससे किसानो का गुस्सा सातवे आसमान पर चढ़ पहुंचा। जिसके बाद ग्रामीण बुधवार सुबह लाठी-डंडे लेकर पुलिस और पावर प्लांट पर टूट पड़े। पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ कर उनमें आग लगा दी। प्लांट के गेट पर भी आगजनी की गई। आक्रोशित लोगों को पीछे धकेलने के लिए पुलिस ने हवा में पांच-छह गोलियां भी चलाई। दोनों तरफ से बीच-बीच में पत्थरबाजी भी होने लगी। इस दौरान चार पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। लेकिन ग्रामीणों ने ना हटने कि जैसे कसम का रखी हो। वहीं बिगड़ते हालात को देखते हुए भारी पुलिस बल को घटना स्थल पर तैनात किया गया।
जानकारी के अनुसार, मंगलवार देर रात भी बवाल कर रहे किसानों पर पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया था। जिसमें कई महिलाएं और बच्चे भी घायल हो गए थे। इसी लाठीचार्ज से नाराज होकर किसान और अधिक आक्रोशित हैं।
फिलहाल थर्मल पावर के गेट से लेकर चौसा गोला तक का क्षेत्र संवेदनशील बना हुआ है। या यूं कहें थर्मल पावर का इलाका रणक्षेत्र बना हुआ है। ऐसी स्थिति मंगलवार की रात बनारपुर गांव में पुलिस द्वारा की गई बर्बरता पूर्ण कार्रवाई का परिणाम है। चौसा में थर्मल पावर स्टेशन बन रहा है। हालांकि उसकी भूमि का अधिग्रहण पहले हो गया है। लेकिन, वहां तक रेल लाइन व पानी की आपूर्ति के लिए पाइप लाइन बिछाई जानी है।
उसके लिए भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। पिछले दो माह से किसान उसी के खिलाफ धरना दे रहे हैं। उनका कहना है हमें नए दर से भुगतान होना चाहिए। नौ वर्ष पहले 2013 में जिस दर से भुगतान हुआ था। वह हमें पसंद नहीं, इसी को लेकर विरोध चल रहा है। अब स्थिति काम रोकने तक पहुंच गई है।