आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि है। यह दिन भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस अवसर पर भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संग राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू समेत अन्य नेताओं ने देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि दी है। दरअसल, लाल बहादुर शास्त्री जो भारत के दूसरे प्रधानमंत्री होने के साथ-साथ एक महान स्वतंत्रता सेनानी भी थे, उनका आज के ही दिन 1966 में ताशकंद में निधन हुआ था। शास्त्री जी ने जून 1964 से जनवरी 1966 तक देश के प्रधानमंत्री होने का कार्यभार संभाला था। पाकिस्तान के साथ युद्ध समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मौत हो गई थी।
आज 11 जनवरी के दिन देश को ‘ जय जवान, जय किसान’ का नारा देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री का 1966 में रहस्यमयी परिस्थितियों में निधन हो गया था। शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 में उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ। उन्होंने प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद 9 जून 1964 को प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण किया था। वह करीब 18 महीने तक देश के प्रधानमंत्री रहे। उनके नेतृत्व में भारत ने 1965 की जंग में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी। ताशकंद में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के साथ युद्ध समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 11 जनवरी 1966 की रात में रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गयी।
आजादी की लड़ाई में बड़ा योगदान
शास्त्री जी बस कहने के लिए ही देश प्रेमी नहीं थे, बल्कि वह देश को खुद से हमेशा अहम मानते थे। वह देश को आजादी दिलाने की राह में करीब 9 बार जेल जा चुके थे। इतना ही नहीं उन्हें 1930 में हुए ‘नमक सत्याग्रह’ के कारण ढाई साल जेल जाना पड़ा। शास्त्री जी ने रेल, परिवहन और संचार, वाणिज्य और उद्योग में मंत्री सहित कैबिनेट में कई पदों पर काम भी किया है। वह लंबे समय तक रेल मंत्री भी रहे, जिस दौरान एक रेल दुर्घटना में कई लोगों की जान चली जाने के कारण उन्होंने खुद को जिम्मेदार मानते हुए इस पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने दूसरे प्रधानमंत्री बनने के बाद देश की खाद्य और डेयरी उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने के लिए हरित क्रांति और श्वेत क्रांति को बढ़ावा दिया। शास्त्री जी का पूरा जीवन हर व्यक्ति के लिए एक प्रेरणा रहा है। सादगी और ईमानदारी से अपना जीवन जीते हुए उन्होंने न सिर्फ कई बड़े काम किए, बल्कि अपने विचारों से लोगों को काफी प्रभावित भी किया।