दिल्ली के कंझावला केस में बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, कंझावला के पांचों आरोपियों ने कबूल लिया है की उन्हें पहले से ही पता था कि कार के नीचे लड़की फसी हुई है। जानकारी के अनुसार, आरोपियों को डर था कि अगर वो कार को रोकते तो उन्हें लड़की को कार के नीचे से निकालना पड़ता जिससे वो हत्या के आरोप में फंस सकते थे। इस कारण आरोपियों ने कार को चलाते रहना ज्यादा सही समझा। वहीं, अंजलि के परिवार वाले केस की जांच से नाखुश है। पुलिस फिलहाल अंजलि के मोबाइल से भी जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश कर रही है।
कार के नीचे लड़की के फंसने की जानकारी थी
आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उन्हें मालूम था कि कार के नीचे लड़की फंसी हुई है। लेकिन वो डर गए थे कि कहीं लड़की को गाड़ी से निकाला तो वो मर्डर केस में फंस जाएंगे इसलिए एक्सीडेंट के बाद आरोपियों ने लड़की को कार के नीचे से निकालने की कोशिश नहीं की। इसी कारण गाड़ी को बार-बार घुमाते रहे। वो गाड़ी को दौड़कर उसके छूटने का इंतजार करते रहे। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस को तेज म्यूजिक सिस्टम की जो कहानी बताई थी, वह झूठी थी। यहां तक की आरोपियों को यह भी मालूम था कि आबादी वाले एरिया में हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। जिस कारण वे कार से नहीं निकले और कार को वहां से सुनसान रास्ते होते हुए हरियाणा बॉर्डर के निकट जोंती गांव तक ले गए। इसके बाद एक जगह गड्ढे पर आगे पीछे कर कार को झटका दिया, जिससे नीचे फंसी लड़की बाहर निकल जाए। जांच टीम से जुड़े पुलिस सूत्रों ने बताया कि सभी आरोपियों से लगातार पूछताछ जारी है।
इस मामले में पुलिस ने दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन, मनोज मित्तल, आशुतोष और अंकुश को आरोपी बनाया है। अभी भी इस मामले में छह आरोपी पुलिस की हिरासत में हैं, जबकि एक को कोर्ट से जमानत मिल गई है।