सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने फेक ऑनलाइन चैनलों पर बड़ी कार्यवाई की है। गलत सूचना फैलाने के आरोप में 84 ऑनलाइन चैनलों को भारत में प्रतिबंधित कर दिया है। इसके अलावा 5 टीवी चैनलों पर भी अस्थाई रूप से प्रतिबंध लगाया गया है। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि मंत्रालय ने 2022 में केबल टेलीविजन नेटवर्क नियमों के तहत नीतिगत दिशानिर्देशों या कार्यक्रम और विज्ञापन कोड का पालन न करने के लिए पांच टेलीविजन चैनलों के लाइसेंस अस्थायी रूप से वापस ले लिए गए हैं।
शिकायतों के निवारण के लिए वैधानिक तंत्र
सुचना और प्रसारण मंत्रालय ने इस तरह के गतिविधियों को रोकने के लिए कई सख्त कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने 17 जून, 2021 को केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 में संशोधन किया ताकि टेलीविजन चैनलों द्वारा प्रसारण के प्रोग्राम कोड और विज्ञापन कोड के उल्लंघन के लिए शिकायतों/शिकायतों के निवारण के लिए एक वैधानिक तंत्र प्रदान किया जा सके।
पहले भी चैनलों को किया जा चुका है बैन
ये पहली बार नहीं है जब इस तरह की बड़ी कार्यवाई सरकार द्वारा की गई है, इससे पहले भी सरकार ने चैनलों को बैन किया था। साल 2020 में, नियमों के उल्लंघन के लिए सात समाचार चैनलों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया और 12 चैनलों को निलंबित कर दिया गया था। 2019 में, छह चैनलों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था और 10 चैनलों को इसी कारण से निलंबित कर दिया गया था।
लिखित उत्तर में जानकारी आई सामने
बता दें कि इससे पहले सरकार ने कथित रूप से यूजर्स का डाटा एकत्र करने और इसे देश के बाहर सर्वर पर अनधिकृत तरीके से प्रसारित करने के लिए 348 एप्स को ब्लॉक किया था। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने हाल ही में संसद के एक लिखित उत्तर में जानकारी देते हुए कहा था कि सरकार ने साल 2009 से अब तक 30,417 वेबसाइटों, यूआरएस, वेबपेज और सोशल मीडिया पोस्ट के साथ सोशल मीडिया अकाउंट को भी ब्लॉक किया है। यह कार्रवाई सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69 ए के तहत की गई थी।