आप सभी ने प्रकृति में अनेकों चमत्कार देखे होंगे। जिसमें से ही एक है शहद बनाने वाली चीटियां। जैसा कि आप जानते है शहद मधुमक्खियों के द्वारा बनाया जाता है। शहद को औषधीय गुणों का खान भी माना जाता है। शहद को मनुष्य बड़े चाव ही से खाते है और इसमें अनेकों तरह के पोषक तत्व भी पाए जाते है। लेकिन क्या आप जानते है कि शहद केवल मधुमक्खियों के ही नहीं बल्कि चीटियों के द्वारा भी बनाया जाता है। चलिए जानते है इन शहद बनाने वाली चीटियों के बारे में।
इन चीटियों को हनीपॉट ऐंट्स (Honeypot Ants)कहा जाता है। ये प्रजाती हनीपॉट नाम की प्रजाति है, जो इतनी आसानी से नहीं मिलती है। इनका वैज्ञानिक नाम Camponotus inflatus है, जिन्हें शहद बनाने की अपनी क्षमता की वजह से ही हनीपॉट ऐंट्स कहा जाता है। ये मधुमक्खियों की तरह कॉलोनीज़ में रहती है। मधुमक्खियों की तरह ही कामगार चींटियों का काम फूलों के पराग को अपने एब्डॉमिन यानि पेट के निचले हिस्से में इकट्टा करना होता है।
सबसे बड़ी बात यह है की इस शहद में भी औषधीय गुणों की भरमार है। विशेषज्ञों द्वारा जब इन चींटियों के शहद का परीक्षण किया गया तो पता चला कि यह सामान्य शहद से थोड़ा पतला और हल्का कसैला स्वाद का होता है। वहीं पूरी दुनिया में ये चींटियां केवल ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, मेक्सिको और अफ्रीकन कॉन्टिनेंट में ही पाई जाती हैं। हनीपॉट ऐंट्स को लेकर कहा जाता है कि ये चींटियां शहद का निर्माण तब करती हैं जब उनकी कॉलोनियों में खाने की कमी हो जाती है।
डायबिटीज के मरीजों का इलाज
विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि इन चींटियों के द्वारा बनाए गए शहद से डायबिटीज के मरीजों का इलाज हो सकेगा। इन चींटियों को हनीपॉट ऐंट्स कहते हैं। यूरोप के वैज्ञानिकों का मानना है कि इन चींटियों द्वारा बनाया गया यह शहद जैसा मीठा पदार्थ डायबिटीज के साथ-साथ अन्य बीमारियों के इलाज में भी मदद करेगा।