दिल्ली में एमसीडी का चुनाव रविवार को संपन्न हो गया। रविवार को दिल्ली की जनता ने अपने मताधिकार का प्रयोग जमकर किया। सुबह से ही दिल्ली में पोलिंग स्टेशनों के बाहर मतदाताओँ की लंबी कतारें वोटिंग के लिए देखने को मिली। नगर निगम चुनाव को लेकर दिल्ली की राजनीति के गलियारों हलचल का माहौल है क्योकि अभी इस चुनाव के नतीजे सामने आने बांकी है। 7 दिंसबर को एमसीडी चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। बात अगर दिल्ली एमसीडी की करें तो एमसीडी पर पिछले 15 सालों से बीजेपी काबिज़ है। दिल्ली में नगर निगम चुनाव के लिए रविवार को हुआ मतदान शांतिपूर्ण रहा।
कम हुई वोटिंग
इस बार 50.47 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है। दरअसल, हैरानी की बात यह रही कि इस बार वोटिंग काफी कम हुई है। यह मतदान पिछली बार की तुलना में करीब 4 फीसदी कम रहा है, जिसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। इससे पहले दिल्ली के निकाय चुनाव में 2017 में 53.55 प्रतिशत, 2012 में 53.39 और 2007 में 43.24 प्रतिशत मतदान हुआ था। वहीं सियासी पंडितों का मानना है कि इस बार कई सीटों पर मुकाबला कांटे का रहेगा।
7 को नतीजे
राजनीति के जानकारों का यह भी कहना हैं कि इस बार एकतरफा वोट नहीं पड़े हैं। इस बार महिला उम्मीदवारों की संख्या पुरुषों के मुकाबले ज्यादा रही। भारतीय जनता पार्टी(BJP), आम आदमी पार्टी (AAP)और कांग्रेस, तीनों ने अपनी-अपनी जीत के दावे किए हैं। लेकिन राजनीतिक जानकारों की माने तो सत्ता की खींचतान इस बार भाजपा और आप के बीच होने की संभावना है। बुधवार 7 दिसंबर घोषणा के बाद पता चल जाएगा कि इस बार दिल्ली में ‘छोटी सरकार’ किसकी बनती है।