Gujarat : दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गुजरात पुलिस के साथ मिलकर एक बड़ी ड्रग तस्करी ऑपरेशन का खुलासा किया है, जिसमें भारी मात्रा में कोकीन और अन्य मादक पदार्थों की बरामदगी की गई है। इस ऑपरेशन के तहत गुजरात के अंकलेश्वर में स्थित एक बड़ी फार्मा कंपनी में छापा मारा गया, जहां से 518 किलोग्राम कोकीन बरामद की गई। बरामद कोकीन की अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में अनुमानित कीमत लगभग 5,000 करोड़ रुपये है। यह बरामदगी भारत में मादक पदार्थों की अवैध तस्करी के बढ़ते खतरे को दर्शाती है।
मामले का खुलासा
ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने पाया कि यह तस्करी एक बहुत बड़े अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का हिस्सा थी। इस ड्रग रैकेट के तार कई देशों से जुड़े हुए हैं और इस रैकेट का संचालन एक नकली फार्मा कंपनी की आड़ में किया जा रहा था। गुजरात के अलावा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली के विभिन्न इलाकों में भी छापेमारी कर तस्करी की इस कड़ी को उजागर किया है। अब तक 15 दिनों में कुल 1,289 किलोग्राम कोकीन और 40 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक मारिजुआना बरामद की जा चुकी है, जिसकी कुल कीमत लगभग 13,000 करोड़ रुपये आंकी गई है।
इससे पहले, 1 अक्टूबर को दिल्ली के महिपालपुर क्षेत्र से 562 किलोग्राम कोकीन बरामद की गई थी, और 10 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस ने रमेश नगर क्षेत्र से 208 किलोग्राम कोकीन पकड़ी थी। पुलिस के अनुसार, इन मादक पदार्थों को नमकीन के पैकेटों में सावधानीपूर्वक छुपाकर रखा गया था ताकि यह शक से बचे रहें।
तस्करी रैकेट के मास्टरमाइंड की पहचान
पुलिस की जांच में पता चला कि इस ड्रग तस्करी के पीछे कई बड़े नाम शामिल हैं। इनमें से एक लंदन में रहने वाला जतिंदर पाल सिंह गिल है। गिल के साथ-साथ दो अन्य ट्रांसपोर्टर्स मोहम्मद अखलाक और ए. सैफ का नाम भी सामने आया है। ये दोनों दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में तस्करी किए गए मादक पदार्थों की आवाजाही में अहम भूमिका निभाते थे। इन लोगों के संपर्कों का उपयोग करके मादक पदार्थों की तस्करी आसानी से की जा रही थी, और उन्हें दिल्ली एनसीआर के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाया जा रहा था।
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फार्मा कंपनी पर छापेमारी और पूछताछ
स्पेशल सेल ने जिन पांच लोगों को गुजरात से गिरफ्तार किया है, उनमें फार्मा कंपनी के मालिक और मीडिएटर भी शामिल हैं। ये लोग एक लंबे समय से इस ड्रग सिंडिकेट में शामिल थे और इस नकली फार्मा कंपनी की आड़ में अवैध कारोबार चला रहे थे। पुलिस ने बताया कि ये कंपनी दवाओं का उत्पादन करती थी और इन मादक पदार्थों को फार्मा सॉल्यूशन के रूप में तैयार कर दिल्ली और अन्य स्थानों पर भेजती थी। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों से पूछताछ जारी है ताकि इस तस्करी रैकेट में और भी जुड़े लोगों की पहचान की जा सके और उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकें।
गोवा से मिली तस्करी के सुराग
इस पूरे मामले का खुलासा सबसे पहले गोवा में पकड़ी गई मादक पदार्थों की खेप से हुआ था। गोवा पुलिस ने एक ऑपरेशन के दौरान कुछ संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाया, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने इस मामले में हस्तक्षेप किया। गोवा में मिली दवाओं की बरामदगी के बाद दिल्ली पुलिस ने अपनी स्पेशल सेल की टीम को इस मामले की गहराई से जांच के लिए लगाया। स्पेशल सेल ने उन सुरागों के आधार पर गुजरात और दिल्ली एनसीआर में छापेमारी शुरू की।
अंतरराष्ट्रीय तस्करी का जाल
जांच में पता चला कि यह सिंडिकेट सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि अन्य देशों में भी सक्रिय है। अधिकारियों ने बताया कि यह तस्करी नेटवर्क दक्षिण एशिया, यूरोप और अमेरिका जैसे देशों में फैला हुआ है। इस तस्करी नेटवर्क में शामिल लोग नकली फार्मा कंपनियों और अन्य व्यापारिक गतिविधियों का सहारा लेकर मादक पदार्थों को एक देश से दूसरे देश में भेजते थे। भारतीय एजेंसियां अब इस मामले में अन्य देशों की एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही हैं ताकि इस बड़े सिंडिकेट को पूरी तरह से ध्वस्त किया जा सके।
ड्रग्स की तस्करी पर सरकारी कार्रवाई
भारतीय सरकार ने मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं और नई नीति बनाई है। इस नीति के तहत पुलिस और अन्य एजेंसियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मदद और संसाधन दिए जा रहे हैं ताकि इस तरह के नेटवर्क का पता लगाया जा सके और इस पर रोक लगाई जा सके। इसके अलावा, पुलिस ने ऐसे मामलों में जुर्माना और सजा को भी कठोर बनाया है, ताकि लोग इस प्रकार के अवैध कार्यों से बचें।
दिल्ली और गुजरात पुलिस के इस संयुक्त ऑपरेशन ने मादक पदार्थों की अवैध तस्करी पर एक बड़ा प्रहार किया है। इस ऑपरेशन के दौरान हुई भारी मात्रा में कोकीन और मारिजुआना की बरामदगी से यह स्पष्ट है कि यह एक अंतरराष्ट्रीय रैकेट था। पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में आगे बढ़ रही है और उम्मीद है कि जल्द ही इस तस्करी रैकेट के सभी सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।