फ्रांस की स्टेफनी फ्रेपार्ट, रवांडा की सलीमा मुकांसंगा और जापान की रैफरी योशिमी यामाशिता ये तीन उन महिलाओं के नाम हैं जो कतर में पुरुष फुटबॉल विश्व कप मुकाबलों में रैफरी की भूमिका निभाने के लिए चुना गया है। फुटबॉल के सबसे बड़े टूर्नामेंट में पहली बार महिलाएं रैफरी की भूमिका में नजर आएंगी।
36 रैफरी के पूल में सिर्फ ये तीन महिलाएं रैफरी हैं बाकी सभी पुरुष हैं। फीफा ने 69 सहायक रैफरी का भी पूल बनाया है जिसमें भी तीन महिला सहायक रैफरी को नामित किया है। ये ब्राजील की नुजा बैक, मैक्सिको की करेन डियाज मेडिना और अमेरिका की कैथरीन नेस्बिट हैं।
इस फीफा विश्व कप में कुल 32 टीमें होंगी जिसके बीच मुकाबला खेला जायेगा। पूरा टूर्नामेंट दोहा शहर और उसके आसपास के आठ स्टेडियमों में खेला जायेगा। इस सीजन 64 मैच खेले जाने हैं। इसकी तैयारी 2010 से ही बड़े पैमाने पर चल रही है। महत्वपूर्ण निर्माण परियोजनाओं पर काम करने के बाद अब कतर पूरी तरह से तैयार है। मैच 20 नवंबर से शुरू होगी जिसमे लगभग 1.2 मिलियन अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के कतर पहुंचने की उम्मीद है।
खाड़ी देशों में पहले फीफा विश्व कप को लेकर काफी उत्साह हैं। ये पहली बार है जब किसी खाड़ी देश में फुटबॉल के बड़े इवेंट को आयोजित किया जा रहा है। लोगों में खुशी अपने चरम पर है। लेकिन कतर के विदेश मंत्रालय ने अक्टूबर के अतिम सप्ताह में जर्मन राजदूत डॉ क्लॉडियस फिशबैक को तलब किया और उन्हें एक आपत्ति ज्ञापन सौंपा, जिसमें देश की निराशा और जर्मनी के संघीय आंतरिक मंत्री नैन्सी फेसर द्वारा फीफा विश्व कप 2022 की मेजबानी करने वाले कतर पर की गई टिप्पणियों की पूर्ण अस्वीकृति और निंदा व्यक्त की गई थी। मंत्रालय ने भी टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण की मांग की है।
आपको बता दें कि हाल ही में फीफा के पूर्व अध्यक्ष ने ये कहा था कि कतर को विश्व कप की मेजबानी सौंपना गलत निर्णय था। मंगलवार को ब्लाटर ने निकोलस सरकोजी और मिशेल प्लाटिनी के बीच महत्वपूर्ण वोटों के लिए हुई बैठक का हवाला देते हुए कहा कि 12 साल पहले फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी के लिए कतर को चुनना एक गलती थी। ब्लाटर ने दावा किया कि तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोलस सरकोज़ी द्वारा पूर्व यूईएफए बॉस पर कतर को वोट देने के लिए दबाव डाला गया था। सरकोजी ने प्लाटिनी से सिफारिश की थी कि उन्हें और उनके लोगों को कतर को वोट देना चाहिए।