Delhi News: राजधानी से बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, दिल्ली के छतरपुर में सरकारी गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल की 20 छात्राएं पास बेहोश हो गई हैं। खबरों के मुताबिक, नॉकआउट पेपर स्प्रे के संपर्क में आने के बाद स्कूल की 20 छात्राएं बेहोश हो गईं। फिलहाल बेहोशी की हालत में छात्राओं का इलाज दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में चल रहा है।
स्कूल ने घटना से मुंह फेरा
हालांकि इस घटना को स्कूल प्रशासन ने सिरे से खारिज कर दिया है। स्कूल के प्रिंसिपल संतोष भारद्वाज ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ था, जबकि अस्पताल ने घटना की पुष्टि की है। बेहोशी की हालत में छात्राओं का सफदरजंग अस्पताल में इलाज चल रहा है।
बता दें कि दोपहर 2:05 बजे 15 छात्राओं को एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। छठी, सातवीं और आठवीं कक्षा के छात्र-छात्राएं इस घटना में शामिल हैं। हादसे के कुछ समय बाद पांच और छात्राओं को अस्पताल पहुंचाया गया। मिली जानकारी के मुताबिक, 15 लड़कियां अब खतरे से बाहर हैं। वहीं गैस रिसाव से बाकी पांच लड़कियां अभी भी बेहोश है। अस्पताल ने एहतियात के तौर पर आपदा वार्ड को भी सक्रिय कर दिया है। फिलहाल सभी छात्राओं पर नजर रखी जा रही है।
यह भी पढ़े: Delhi Crime : दिल्ली में एक और कंझावला कांड , 3 किलोमिटर तक घसीटने के बाद पीड़ित की मौत
पेपर स्प्रे के संपर्क में आने से हुआ हादसा
शिक्षा उप निदेशक अशोक त्यागी ने बताया कि स्कूल में एक शिक्षक का जन्मदिन था। वर्ग में कक्षा छठी से नौवीं तक के छात्र शामिल थे। शिक्षिका के पर्स में रखे नॉकआउट पेपर स्प्रे (महिलाएं इसे सुरक्षा के लिए अपने पास रखती हैं) का छिड़काव इस दौरान कक्षा में किया गया। इससे कुछ छात्राएं बेहोश हो गईं। वहीं कुछ छात्राओं ने उसी समय पैनिक अटैक का अनुभव किया।
पेरेंट्स एसोसिएशन ने कही ये बात
दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने स्कूल प्रिंसिपल के लापरवाह बयान को “दुखद” बताया। यदि कक्षा में पेपर स्प्रे होता है, तो प्रधानाचार्य को एक बयान जारी करना चाहिए था, लेकिन उनका स्पष्ट खंडन गलत है और यह दर्शाता है कि कक्षा में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई सावधानी नहीं बरती गई।
उन्होंने आगे कहा कि ऊपर से शिक्षा अधिकारी अशोक त्यागी का बयान भी बेतुका है, शिक्षिका को टारगेट कर रहा है। जहां उनके पर्स में ऐसा कोई स्प्रे लेकर कक्षा में आना ही गलत है। ऐसे क्या स्कूल की लड़कियों को भी अपने बैग में स्प्रे लेकर घूमना चाहिए। इसकी पूरी जांच होनी चाहिए और सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले सभी अधिकारियों पर कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए।