PM Modi on Veer Baal Diwas: गुरुवार को राजधानी दिल्ली में स्थित भारत मंडपम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘वीर बाल दिवस’ पर आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। वीर बाल दिवस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में बहादुरी दिखाने वाले 17 बच्चों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सम्मानित किया। इस अवसर पर पीएम मोदी भी मौजूद रहे और उन्होंने बच्चों से संवाद किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि युवाओं को सशक्त बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि हम हर क्षेत्र में नए बदलाव और चुनौतियां देख सकते हैं, इसलिए हमें अपने युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करने की जरूरत है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कही ये बातें
अपने संबोधन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि वीर साहिबजादों का जीवन हमें देश की अखंडता और विचारों से कोई समझौता ना करने की सीख देता है और संविधान भी हमें भारत की प्रभुता और अखंडता को सर्वोपरि रखने का सिद्धांत देता है। हमारे लोकतंत्र की विराटता में गुरुओं की सीख है, साहिबजादों का त्याग है और देश की एकता का मूल मंत्र है। उन्होंने कहा कि इतिहास से वर्तमान तक, भारत की प्रगति में हमेशा युवा ऊर्जा की बड़ी भूमिका रही है। आजादी की लड़ाई से लेकर 21वीं सदी के जनांदोलनों तक, भारत के युवा ने हर क्रांति में अपना योगदान दिया है।
प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के विजेताओं से भी बातचीत की। 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 17 बच्चों को कला और संस्कृति, बहादुरी, नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सामाजिक सेवा, खेल और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में उनके असाधारण योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
1996 में शुरू की गई थी राष्ट्रीय बाल पुरस्कार
बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से साल 1996 में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार की शुरुआत की गई थी। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से अलग-अलग क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चों को सम्मानित करने के मकसद से राष्ट्रीय बाल पुरस्कार को शुरू किया गया था। इसके लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए बच्चों का चयन करती है।
ऐसे बच्चे जिनकी उम्र 5 साल से ज्यादा और 18 साल से कम है। जो भारत के नागरिक हैं और देश में ही रहते हैं। पहले यह पुरस्कार छह कैटेगरी में दिया जाता था। इनमें कला और संस्कृति, बहादुरी, नवाचार (इनोवेशन), शैक्षणिक, सामाजिक सेवा और खेल शामिल था। अब इसमें साइंस और टेक्नोलॉजी भी जोड़ा गया है।
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