अग्निवीरों के लिए एक अच्छी खबर आई है। केंद्र सरकार ने अग्निवीरों को एक बड़ा फैसला लिया है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) की रिक्तियों में पूर्व अग्निवीरों को 10 फीसदी का आरक्षण मिलेगा। इसके साथ ही उन्हें बीएसफी की भर्ती के दौरान उम्र सीमा में भी छूट दी जाएगी। गृह मंत्रालय ने इससे संबंधित एक नोटिफिकेशन जारी किया है।
उम्र सीमा में छूट
नोटिफिकेशन के अनुसार पहले बैच के पूर्व अग्निवीरों को BSF की भर्ती के दौरान उम्र सीमा में 5 साल की छूट मिलेगी। वहीं इसके बाद के बैच वाले में तीन साल की छूट दी जाएगी। इसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स, जनरल ड्यूटी कैडर रिक्रूटमेंट रूल्स, 2015 में संसोधन किया है। ये नए नियम 9 मार्च गुरुवार से लागू हो गए हैं। अधिसूचना के मुताबिक जो पूर्व-अग्निवीर BSF में भर्ती के लिए आवेदन करेंगे उनको ‘शारीरिक दक्षता परीक्षा’ से छूट दी जाएगी।
इससे पहले भी अग्निवीरों के आरक्षण के लिए कई बड़े ऐलान किए जा चुके हैं। गृह मंत्रालय ने लगभग सभी केंद्रीय सशस्त्र बलों जैसे CRPF, CISF, असम राइफल्स, ITBP में 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा कर चुका है। इसके साथ ही रक्षा मंत्रालय ने भी सैन्य बलों के अतिरिक्त अन्य विभागों में भी पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षण की घोषणा की थी। इसके अलावा कई प्राइवेट कंपनियों जैसे महिंद्रा एवं टाटा ने भी अग्निवीरों को नौकरी में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया।
क्या है अग्निपथ योजना?
पिछले साल ही केंद्र सरकार सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना लेकर आई थी। इस योजना के तहत योजना के तहत साढ़े 17 साल से 21 साल के युवाओं को सेना में सेवा देने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। हालांकि ये भर्ती केवल चार सालों के लिए ही होगी। चार सालों के बाद केवल 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही सेना में आगे काम करने का अवसर मिलेगा, जबकि बाकी 75 प्रतिशत को सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा। इस योजना के तहत हर साल करीब 40-45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जा रहा है।
चार वर्षों में सैनिकों को 6 महीने की बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग मिलती है और 30 से 40 हजार तक मासिक वेतन भी दिया जाता है। इसके अलावा भी अन्य लाभ अग्निवीरों को मिलते हैं। हालांकि केंद्र सरकार जब ये योजना लेकर आई थी, तब इसको लेकर देश में काफी बवाल मचा था। योजना के विरोध में युवा सड़कों पर उतर आए थे। विपक्ष द्वारा भी अग्निवीर योजना का काफी विरोध किया गया था।