आदिकाल से ही अपराधियों/दोषियों को मौत की सजा देने के लिए तरह-तरह की पद्धतियों को अपनाया जाता था। जैसे उन्हें खूंखार जानवरों के बीच छोड़ना, शरीर के अंगों पर हथौड़े से वार करना आदि। हालांकि सजा पाने वालों में बेकसूर लोग भी शामिल होते थे। वैसे जो मौत की सजा इनके लिए मुकर्रर की जाती थी वह हर लिहाज से कष्टदायी थी। जानिए इतिहास में नौ ऐसी मौत की सजा जिसे जान आपकी रुंह काप उठेगी।
शरीर के अंगों पर हथौड़े से वार करना
इसमें व्यक्ति को सीधे मुंह लिटाकर बड़े से पहिए पर बांध दिया जाता है फिर उसके अंगों पर बड़े से हथौड़े से वार किया जाता है। इस तरीके को तब तक जारी रखा जाता है जब तक उस व्यक्ति के सभी अंग टूट नहीं जाते और उसकी मौत नहीं हो जाती।
उबालकर मारना
अपने गलत कामों की वजह से इंसान जब नरक में जाता है तो उसे गर्म तेल की कढ़ाई में तला या उबाला जाता है। इस तरह की कथा हम अकसर हिंदू पुराणों के जरिए सुनते रहते हैं। इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन 16वीं शताब्दी तक एशिया और यूरोप के कुछ भागों में कैदियों को मौत की सजा देने के लिए यही तरीका अपनाया जाता था। इसमें व्यक्ति को तब तक गर्म पानी या तेल में उबाला जाता है जब तक उसकी मौत न हो जाए।
गला घोंटकर मार डालना
यह एक तरह की श्वासावरोध उत्पन्न करने की क्रिया है। इसमें व्यक्ति को एक बड़े खूंटे के पास बिठाकर रस्सी से उसके गले को बांध दिया जाता है। रस्सी को इस कदर दबाकर बांधा जाता है कि व्यक्ति का दम घुटने लगता है और उसके मौत हो जाती है।
कारावास की सजा
इसमें व्यक्ति को कारावास में ड़ालकर क्रूर और असामान्य सजा दी जाती है। इसमें उसका खून तो नहीं निकलता लेकिन परिस्थितियां ऐसी बना दी जाती हैं कि वह व्यक्ति अपनी मौत के लिए तड़पता है। उसे दो दीवारों के बीच ऐसी छोटी जगह पर बिठा दिया जाएगा जहां न तो हवा होगी न पानी और न ही खाने को कुछ। इस तरह की सजा से व्यक्ति की घुटन, प्यास या भूख से मौत हो जाती है।
खूंखार जानवरों के बीच छोड़ना
शुरुआत में ऐसी सजा रोम में इसाइयों के लिए मुकर्रर की जाती थी। इससे पहले राजा-महराजा भी अपने कैदियों को सजा देने के लिए यही तरीके अपनाते थे। इसमें कैदी को खूंखार जानवरों के बीच छोड़ दिया जाता थ। उन्हें या तो बांघों के समूह में छोड़ दिया जाता या फिर हाथी के पैर से कुचलवा दिया जाता।
सलीबी मौत
इसमें व्यक्ति को पूरी तरह से नग्न कर दिया जाता है और जबतक उसके शरीर से खून न निकले तबतक उसे चाबूक से मारा जाता है। फिर क्रोस (क्रिश्चियन) पर बांधा जाता है और उसकी कलाई तथा एड़ियों में बड़े-बड़े किले ठोकी जाती है। यह तरीका अपनाने से व्यक्ति की मौत धीरे-धीरे हो जाती है।
लटकाकर मारना
इसमें कैदियों को एक साथ बांधकर फांसी पर लटकाया जाता है फिर उनके अंगों के छोटे-छोटे टुकड़े किए जाते हैं। इसमें दूसरा तरीका यह है कि कैदियों को लकड़ी के तख्ते पर बांधा जाता है और घोड़ों के जरिए तबतक घसीटा जाता है जबतक उनकी मौत न हो जाए।
पिंजरे में मौत
इसमें कैदी को एक ऐसे वर्टिकल पींजरे में कैद किया जाता है जिसमें चारों तरफ से उसे धारधार हथियारों से चुभोया जा सके। इस पिंजरे में कैदी बचने की कोशिश तो करता है लेकिन खुद को बचा नहीं पाता।
अंगों के टुकड़े करना
इसमें व्यक्ति को मौत की सजा देने के लिए उसके अंगों को बड़ी बेरहमी से काटा जाता है। उसकी मौत धीरे-धीरे हो इसलिए पहले शरीर के मांस को काटा जाता है, फिर शरीर के अंग निकाले जाते हैं और अंत में धारधार हथियार से उसका गला रेत कर बेरहमी से हत्या कर दी जाती है। इसमें आम तौर पर अंग काटने के दौरान ही व्यक्ति की मौत हो जाती है