भारतीय शिक्षण मंडल की अखिल भारतीय प्रांत प्रमुख बैठक के समापन सत्र में बोलते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व संयुक्त महामंत्री एवं अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि जीवन में मूल्यों का बहुत महत्व है, मूल्य ही वह गुप्त तत्व है जो मनुष्य को मनुष्य बनाता है। शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य मूल्य आधारित समाज का निर्माण करना है ताकि समृद्ध और सशक्त भारत को दिशा दी जा सके। वर्तमान जीवन में प्रशिक्षण का महत्व है लेकिन यह तभी सकारात्मक परिणाम दे सकता है जब इसके साथ मूल्य भी जुड़े हों।
एक कुशल व्यक्ति लोगों को आकर्षित करता है जबकि मूल्यों से युक्त व्यक्ति लोगों को प्रेरित करता है और उनके जीवन में परिवर्तन लाता है। डॉ. वैद्य ने आगे कहा कि जीवन में थोड़ा विराम आवश्यक है, आत्ममंथन के लिए आवश्यक है, इससे जीवन को समझने और कार्यों को गति देने में मदद मिलती है। उन्होंने आगे कहा कि समाज से जितना लेते हैं उससे अधिक देने की भावना भारतीय मूल्यों से ही संभव है। मूल्यों पर टिके रहकर हम समाज को प्रेरित कर सकते हैं। राष्ट्र के प्रति समर्पण हो और जीवन में मूल्य हों तो राष्ट्र कार्य के लिए समय निकालना बहुत आसान है।
भारतीयता आधारित शिक्षा का वैचारिक आधार स्थापित करने हेतु प्रतिबद्ध संगठन भारतीय शिक्षण मंडल की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रमुख बैठक 13 से 15 जून 2025 तक तेलंगाना राज्य के कान्हा शांति वनम, भाग्यनगर (हैदराबाद) में सफलतापूर्वक आयोजित की गई। बैठक का उद्घाटन त्रिपुरा के राज्यपाल माननीय श्री इंद्रसेन रेड्डी जी ने किया, जबकि समापन सत्र को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य माननीय श्री मनमोहन वैद्य जी ने संबोधित किया। बैठक में देश भर के सभी प्रांतों से भारतीय शिक्षण मंडल के 313 वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इसके अलावा देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 30 से अधिक कुलपति, तथा राष्ट्रीय महत्व के शिक्षण संस्थानों के निदेशक भी इस अवसर पर उपस्थित थे। बैठक का उद्देश्य भारत की शिक्षा प्रणाली को मूल्य आधारित, चरित्र निर्माण आधारित तथा भारतीय संस्कृति से पोषित बनाना था।