Maa Chandraghanta Puja : नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की करें उपासना, जानिए संपूर्ण विधि

Maa Chandraghanta Puja Vidhi

Maa Chandraghanta Puja Vidhi : हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। नवरात्रि वर्ष में चार बार आती हैं। शारदीय नवरात्रि, चैत्र नवरात्रि, माघ गुप्त नवरात्रि और आषाढ़ गुप्त नवरात्रि। इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरूआत 22 मार्च 2023 से हो गई है। चैत्र नवरात्रि के नौ दिन माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती हैं। नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) के पहले दिन मां शैलपुत्री की उपासना की जाती हैं, जबकि दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। आज यानि 24 मार्च को नवरात्रि के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta Puja Vidhi) की उपासना की जाएगी।

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जानिए मां चंद्रघंटा का स्वरूप

पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां चंद्रघंटा ने राक्षसों का संहार (नाश) करने के लिए अवतार लिया था। माता (Maa Chandraghanta Puja Vidhi) में  ब्रह्मा जी, विष्णु जी और महेश जी तीनों देवताओं की शक्तियां समाहित है। मां चंद्रघंटा अपने हाथों में त्रिशूल, तलवार, गदा व धनुष धारण करती हैं और मां के माथे पर घंटे के आकार का अर्द्ध चंद्र विराजमान होता है। इसी वजह से इन्हें चंद्रघंटा नाम से बुलाया जाता हैं। भक्तों के लिए  माता का ये स्वरूप सौम्य, शांत और कल्याणकारी है।

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मां चंद्रघंटा की पूजा विधि

धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां चंद्रघंटा की आराधना करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। माता की पूजा करते समय भूरा, सफेद या स्वर्ण रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। नवरात्रि के तीसरे दिन सुबह जल्दी उठकर सन्ना आदि करने के पश्चात घर के पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़कें। फिर माता चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta Puja Vidhi) का ध्यान करें और उनके समक्ष दीपक प्रज्वलित करें। फिर माता रानी को सिंदूर, पुष्प, अक्षत, फल आदि चीजें अर्पित करें। इसके बाद मां को प्रसाद के रूप में फल, शहद, खीर या केसर-दूध से बनी किसी भी मिठाई का भोग लगाएं। पूजा के पश्चात देवी से अपनी गलतियों के लिए क्षमा याचना करें और अपनी मनोकामना मां के सामने रखें। अंत में मां चंद्रघंटा की आरती करें।

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