Saturday, October 11, 2025
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बिहारी मजदूरों पर हमले की क्या है सच्चाई, इन आरोपों से मुंह क्यों मोड़ रहा तमिलनाडु ?

आपको 13 साल पहले का वो दौर तो याद होगा ही जब महाराष्ट्र में बिहारी मजदूरों को जख्म दिए थे। तब वहां दो राजनीतिक दलों महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (मनसे) और शिवसेना कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र से हिंदी भाषियों को बाहर निकालने की एक मुहिम छेड़ दी थी। अब वैसे ही घाव बिहारी मजदूरों को तमिलनाडु में मिल रहे हैं। उनके साथ मारपीट की जा रही है, शहर छोड़ने को मजबूर किया जा रहा है।

बिहारी मजदूरों पर हमले का दावा

तमिलनाडु से बिहारी मजदूरों को लेकर बेहद ही परेशान करने वाली खबर सामने आ रही है। केवल हिंदी भाषाई होने की वजह से इन लोगों के साथ बर्बरता की जा रही है। दावा किया जा रहा है तमिलनाडु में बिहार के लोगों के साथ मारपीट हो रही है। कहा तो ये तक जा रहा है कि तमिलनाडु में हुए इन हिंसक हमलों में कई मजदूरों की मौत तक हो चुकी है।

इस मामले को लेकर तमिलनाडु और बिहार दोनों ही राज्यों की राजनीति गर्मा गई है। हालांकि इस बीच तमिलनाडु सरकार और पुलिस दोनों ही इन दावों को सिरे से खारिज करती नजर आ रही हैं।

पुलिस ने आरोपों को बताया फर्जी

तमिलनाडु पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा है कि राज्य में रहने वाले बिहार के सभी लोग एकदम सुरक्षित हैं और यहां उनके मान-सम्मान का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। बिहारी मजदूरों की पिटाई-हत्या को लेकर जो वीडियो सामने आए वो फर्जी है।

इसके अलावा इस संबंध में बिहार पुलिस द्वारा भी एक बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि बिहार और तमिलनाडु के DGP ने बातचीत कर स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने बताया गया है कि उत्तर भारतीयों और हिन्दी भाषी लोगों पर हमले की बात गलत है। बिना तथ्यों की जानकारी किए पोस्ट डाले गए है। बिहार के लोगों की पिटाई की बात अफवाह है।

पुलिस के द्वारा भले ही बिहारी मजदूरों पर हमले के दावों को झूठा बताया जा रहा हो। लेकिन सवाल ये उठता है कि अगर तमिलनाडु में ऐसा कुछ हो नहीं, तो आखिर वहां बिहार के लोग दहशत में क्यों है? क्यों वो तमिलनाडु छोड़कर जाने को मजबूर हो रहे हैं? आखिर क्यों वहां से आने वाली सभी ट्रेनें फुल हैं? दावा तो ये तक किया जा रहा है कि वहां हालात ऐसे बन गए हैं कि लोगों को ट्रेन के टॉयलेट तक में बैठकर आने को मजबूर होना पड़ रहा है।

सोशल मीडिया पर भी बिहारी मजदूर के कुछ वीडियो काफी वायरल हो रहे हैं, जो तमिलनाडु से पटना पहुंचे हैं। वो इस दौरान अपनी पीड़ा साझा करते हुए नजर आ रहे हैं। मजदूर ऐसा कह रहे हैं कि हिंदी बोलने पर उनको पीटा जा रहा है। वहां बिहार के मजदूरों की जगह स्थानीय लोगों को रोजगार देने की तरजीह दी जा रही है।

बिहार विधानसभा में उठा मुद्दा

मजदूरों पर हमले और मारपीट का मामला बिहार विधानसभा में उठाया गया। बिहार बीजेपी ने सरकार से बिहार के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले पर अपनी चिंता जताते हुए अपने विशेष अधिकारियों की एक टीम जांच के लिए तमिलनाडु भेजने का निर्णय लिया है। इस संबंध में सीएम नीतीश कुमार ने राज्य के मुख्य सचिव और DGP को निर्देश भी दिए।

वहीं इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री इस दौरान चेन्नई हमले को लेकर विवादों में घिर गए। दरअसल, बुधवार को तेजस्वी तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के जन्मदिन के अवसर पर एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए चेन्नई गए। इस पर बीजेपी ने निशाना साधते हुए कहा है कि यह अफसोस की बात है कि ऐसे समय में जब तमिलनाडु में बिहारियों पर हमले हो रहे हैं, हमारे उपमुख्यमंत्री उस राज्य का दौरा करते हैं। जाहिर तौर पर वह अपने राज्य के लोगों के खिलाफ हिंसा करने के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री का सम्मान करना चाहते हैं।

इसके अलावा तेजस्वी यादव की भी बिहारी मजदूरों पर कथित हमलों की खबर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस मामले को अफवाह बताते हुए बीजेपी पर दो राज्यों के बीच नफरत फैलाने का आरोप लगाया है। तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी का काम केवल अफवाह फैलाना ही हैं।

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