Sarfaraz khan : टीम में मिला मौका तो भावुक हुए आजमगढ़ के लाल, बोले – ‘अब किसी से कोई शिकायत नहीं’

Sarfaraz khan

Sarfaraz khan : आजमगढ़ के लाल सरफराज खान को आखिरकार भारतीय क्रिकेट टीम में डेब्यू का मौका मिल ही गया। इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में उन्हें प्लेइंग-11 में जगह मिली और अपने डेब्यू मैच में ही ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से सबका दिल जीत लिया। राजकोट में सरफराज खान को महान क्रिकेटर अनिल कुंबले ने टेस्ट कैप पहनाकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में स्वागत किया तो उनके पिता नौशाद खान भावुक हो उठे।

सरफराज खान को अब किसी से कोई शिकायत नहीं

हालांकि, 26 वर्षीय सरफराज को किसी से कोई शिकायत नहीं है। सरफराज ने पहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद मीडिया से कहा- पहली बार मैदान पर आकर और अपने पिता के सामने कैप लिया। मैं छह साल का था जब उन्होंने मेरी क्रिकेट (ट्रेनिंग) शुरू की। उनके सामने भारतीय टीम के लिए खेलना मेरा सपना था।

सरफराज का खेल देखने के लिए उनके पिता नौशाद और पत्नी भी गुरुवार को मौजूद थी। नौशाद के साथ सरफराज की पत्नी रोमाना जहूर भी वहां मौजूद रहे और दोनों की आंखों में खुशी के आंसू थे। सरफराज ने कहा, ‘मैं ड्रेसिंग रूम में लगभग चार घंटे तक तैयार होकर इंतजार करता रहा। मैं सोचता रहा कि मैंने जीवन में इतना धैर्य रखा है और कुछ और रखने में कोई बुराई नहीं है।

अपने डेब्यू मैच में सरफराज खान ने खेली शानदार पारी

बता दें कि सरफराज खान को भारत का टेस्ट कैप नंबर 311 मिला। मैच में उन्होनें कमाल की बल्लेबाजी की। उन्होनें 66 गेंद में तूफानी 62 रन बनाए थे और अंतरराष्ट्रीय करियर की बेहतरीन शुरुआत की। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के आउट होने के बाद सरफराज खान बल्लेबाजी करने आए। जब रोहित शर्मा पवैलियन लौटे उस वक्त भारत का स्कोर 4 विकेट पर 237 रन था। रोहित शर्मा के बाद क्रीज पर उतरे सरफराज खान ने आक्रमक रूख अपनाया और यह युवा बल्लेबाज अंग्रेज गेंदबाजों पर लगातार हावी रहा।

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