Sajid Ali: बॉलीवुड इंडस्ट्री फिल्ममेकर साजिद अली के नाम से आज के समय में कोई भी अनजान नहीं हैं। साजिद अली की फिल्म लैला मजनू दर्शकों के बीच काफी हिट रही थी। सभी इसे साजिद अली की पहली फिल्म समझते हैं ,लेकिन उनकी पहली फिल्म ‘वो भी दिन थे’, जिसे अब कई वर्षों के बाद ओटीटी पर रिलीज किया गया है। अब हाल ही में, साजिद ने बताया कि कैसे ओटीटी ने उनकी दोनों फिल्मों ‘लैला मजनू’ और ‘वो भी दिन थे’ को गुमनामी से बचाया।
ओटीटी को लेकर कही बड़ी बात
आपको बता दें कि हाल ही में एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान साजिद अली ने कहा, “यह मेरी पहली फिल्म है और यह हमेशा मेरे जीवन में की गई सबसे खास चीज रहेगी। 11 साल पहले इस फिल्म के साथ मैं 30 साल का हो गया था। यह एक लंबी कहानी है कि कैसे निर्माता मुझे इसका निर्देशन करने के लिए राजी हुए।
यह मेरे गृहनगर जमशेदपुर में स्थित है, जहां मैं पला-बढ़ा हूं और जिस स्कूल में मैं गया था।” उन्होंने कहा, “मैं सच में नहीं जानता कि फिल्म तब रिलीज क्यों नहीं हुई थी। मैं समझ गया हूं कि इंडस्ट्री के कुछ अपने नियम हैं, जो अपनी-अपनी भूमिकाएं निभाती हैं, लेकिन हमारी जैसी फिल्में कभी बाहर नहीं आती थीं। किसी पुरानी फिल्म को सिनेमाघरों में रिलीज करने का जोखिम कौन उठाएगा? कोई नहीं! ओटीटी ने हम जैसे लोगों को दूसरा जीवन प्रदान किया है।”
‘लैला मजनू’ की सक्सेस पर बोलें फिल्ममेकर
गौरतलब है कि ‘लैला मजनू’ को ओटीटी पर मिल रही प्रसिद्धि पर साजिद अली ने कहा, “जब आप ऐसे लोगों के साथ फिल्म बनाते हैं जो बहुत प्रसिद्ध नहीं हैं, तो हर कोई इसे मौका नहीं देगा।
न केवल पैसे के मामले में, बल्कि एक दर्शक के रूप में थिएटर तक जाने का प्रयास करने के मामले में भी। मुझे लगता है कि फिल्म देखने के लिए और पॉप कॉर्न खरीदने के लिए आपके अंदर कुछ उत्साह होना चाहिए। उस समय बहुत कम लोगों का रुझान लैला मजनू की ओर था।”