New Parliamant Inauguration: नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर बढ़ी सियासी तकरार, हरदीप सिंह पुरी ने दिया विपक्ष को जवाब

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नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर देश की राजनीति तेज होने लगी है। BJP और कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे को लेकर आमने-सामने आ गईं और एक दूसरे पर जुबानी वार कर रही हैं। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। हालांकि इस बीच विपक्षी नेताओं द्वारा मांग की जा रही है कि उद्घाटन प्रधानमंत्री की जगह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों कराया जाए।

कांग्रेस नेताओं ने रखी मांग

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीते दिनों ट्विटर के माध्यम से नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराने की मांग उठाई थी। राहुल के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सोमवार को एक ट्विटर थ्रेड के जरिये राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से ही संसद के नए भवन का उद्घाटन कराने की मांग की और साथ ही केंद्र सरकार को घेरा। कांग्रेस अध्यक्ष के बयान का तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने समर्थन किया। हालांकि अब केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कांग्रेस नेताओं की मांग पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि विवाद खड़ा करना कांग्रेस की आदत बन गई है।

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हरदीप सिंह पुरी ने दिया जवाब

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कहा- “ये कांग्रेस की आदत है, जहां विवाद नहीं होता, वहां भी विवाद खड़ा कर देती है। राष्ट्रपति देश के प्रमुख होते हैं, जबकि प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख होते हैं। प्रधानमंत्री सरकार की ओर से संसद का नेतृत्व करते हैं। उनकी नीतियां कानून के रूप में लागू होती हैं। राष्ट्रपति किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं, जबकि पीएम हैं।”

Congress has a habit of raking controversies where none exist. While President is the Head of State, PM is the Head of Govt & leads the Parliament on behalf of the Govt, whose Policies are effected in form of Laws. The President is not a Member of either House, whereas PM is. pic.twitter.com/73Ns7NP8EK

— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) May 22, 2023

कांग्रेस नेताओं ने क्या कहा? 

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। खड़गे ने ट्वीट कर कहा था कि ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार ने केवल राजनीतिक कारणों से अनुसूचित जाति और आदिवासी समुदायों के लोगों को भारत का राष्ट्रपति बनाया। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नई संसद के शिलान्यास समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं किया जा रहा है। राष्ट्रपति संसद की संवैधानिक मुखिया हैं। केंद्र सरकार ने सिर्फ चुनावी लाभ के लिए दलित और अनुसूचित जाति से राष्ट्रपति बनाए।”

It looks like the Modi Govt has ensured election of President of India from the Dalit and the Tribal communities only for electoral reasons.

While Former President, Shri Kovind was not invited for the New Parliament foundation laying ceremony…

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— Mallikarjun Kharge (@kharge) May 22, 2023

उनकी इस ट्वीट पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अपनी प्रतिक्रिया देता हुए कहा- “हां, मल्लिकार्जुन खरगे साहब सही हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 60 और 111 यह स्पष्ट करते हैं कि राष्ट्रपति संसद के प्रमुख हैं। यह काफी अजीब था कि जब नए संसद भवन का निर्माण शुरू हुआ तो प्रधानमंत्री ने भूमि पूजन समारोह और पूजा की लेकिन उनके (PM) लिए और राष्ट्रपति की ओर से भवन का उद्घाटन नहीं किए जाने को लेकर यह पूरी तरह से समझ से बाहर (और यकीनन असंवैधानिक) है।” थरूर की इसी ट्वीट को लेकर अब केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पलटवार कर उन्हें जवाब दिया है।

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