Online Trading Scam: पिछले कुछ सालों में शेयर बाजार में निवेश करने वालों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है। इसका मुख्य कारण यह है कि अब निवेश से संबंधित जानकारी विभिन्न ट्रेडिंग ऐप्स के माध्यम से आम लोगों तक आसानी से पहुंच रही है।
इसके अलावा, सोशल मीडिया के ज़रिए कई ग्रुप्स और विज्ञापनों में आसानी से पैसे कमाने के आकर्षक दावे किए जाते हैं, जो नई पीढ़ी को निवेश की ओर खींच रहे हैं। लेकिन इनके साथ-साथ साइबर अपराध भी बढ़ गए हैं। अक्सर लोग इन ऑनलाइन स्कैम्स का शिकार बन जाते हैं, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
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Toggleऑनलाइन ट्रेडिंग स्कैम: एक नज़र
विभिन्न राज्यों से लगातार ठगी की घटनाएं सामने आ रही हैं। उदाहरण के लिए:
- मुंबई में एक IAS अधिकारी को शेयर बाजार में उच्च रिटर्न का लालच देकर लगभग एक करोड़ रुपये की ठगी की गई।
- यूपी के एक आईजी अधिकारी को 381 करोड़ रुपये का झांसा दिया गया, जो बाद में एक बड़े ट्रेडिंग घोटाले में बदल गया।
- तमिलनाडु में एक महिला ने एक फर्जी ट्रेडिंग ऐप के झांसे में आकर 10 करोड़ रुपये गंवा दिए।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की आई4सी इकाई के अनुसार, केवल जनवरी से अप्रैल 2023 के बीच 1,420 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी इन ऑनलाइन ट्रेडिंग स्कैम्स के ज़रिए की गई। इस तरह के घोटाले देश भर में फैल रहे हैं, जिससे हर कोई प्रभावित हो सकता है।
ट्रेडिंग स्कैम का ताना-बाना कैसे बुनते हैं?
साइबर अपराधी इस घोटाले को बड़े ही संगठित तरीके से अंजाम देते हैं:
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स – फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और व्हाट्सएप पर फर्जी विज्ञापनों के ज़रिए लोगों को ऑनलाइन ट्रेडिंग और पार्ट-टाइम जॉब्स में निवेश के लिए प्रेरित किया जाता है।
- फर्जी ऐप्स और वेबसाइट्स – पीड़ितों को नकली ट्रेडिंग ऐप्स का लिंक दिया जाता है, जहां उन्हें मोटे मुनाफे का झांसा देकर फर्जी डीमैट अकाउंट खुलवाए जाते हैं।
- AI टेक्नोलॉजी का उपयोग – इन्वेस्टमेंट एडवाइज़र के नाम पर AI जनरेटेड ऑडियो और वीडियो बनाए जाते हैं, जो लोगों को वास्तविक प्रतीत होते हैं।
- फर्जी ग्रुप्स – सोशल मीडिया के माध्यम से लिंक साझा कर निवेशकों को जोड़ते हैं, जहां 200-500 फेक मेंबर्स के बीच बातचीत होती है, जो मुनाफे का झूठा दावा करते हैं।
लोगों को फंसाने की तकनीक
- फ्री में इन्वेस्टमेंट स्किल सीखें – निवेश स्किल्स सिखाने के नाम पर फर्जी सेमिनार और वेबिनार का आयोजन करते हैं।
- जीरो लॉस स्कीम और 100% रिटर्न का दावा – हाई रिटर्न और बिना नुकसान की स्कीम का वादा करके लोगों का विश्वास जीतते हैं।
- फर्जी रजिस्ट्रेशन – खुद को SEBI या RBI से रजिस्टर्ड एडवाइजर बताकर लोगों को प्रभावित करते हैं।
कैसे बचें इन घोटालों से?
ऐसे फर्जी स्कैम्स से बचने के लिए सावधानी और जागरूकता जरूरी है:
- एप्लिकेशन का सत्यापन – केवल गूगल प्ले स्टोर या ऐपल ऐप स्टोर पर उपलब्ध ट्रेडिंग ऐप्स का ही इस्तेमाल करें।
- फाइनेंशियल जानकारी साझा न करें – किसी भी प्रकार की निजी जानकारी जैसे बैंक डिटेल्स, पासवर्ड या OTP किसी अनजान व्यक्ति से साझा न करें।
- एडमिन की पहचान की पुष्टि करें – अगर किसी वॉट्सऐप या टेलीग्राम ग्रुप में जुड़ रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि एडमिन वास्तविक हो।
- रजिस्ट्रेशन की जांच – निवेश के पहले किसी भी फाइनेंस से जुड़े व्यक्ति का SEBI या RBI का लाइसेंस जांचें।
- संदिग्ध लिंक से बचें – अनचाही कॉल्स, ईमेल या सोशल मीडिया मेसेज से सावधान रहें।
क्या करें अगर फंस जाएं?
अगर आप किसी स्कैम का शिकार हो जाते हैं तो तुरंत 1930 पर कॉल करें और मामले की शिकायत करें। इसके अलावा, साइबर क्राइम पोर्टल पर भी रिपोर्ट दर्ज की जा सकती है।
सरकार की ओर से सावधानी
भारत सरकार के पीआईबी फैक्ट चेक द्वारा भी इस विषय में अलर्ट जारी किया गया है कि लोग साइबर अपराधियों से सतर्क रहें, जो फर्जी प्रोफाइल और नकली ट्रेडिंग ग्रुप्स के माध्यम से लोगों को ठगने का प्रयास करते हैं। ऐसी परिस्थिति में जागरूकता ही बचाव है।
आज के डिजिटल युग में जहां एक ओर इंटरनेट के माध्यम से जानकारी प्राप्त करना आसान हुआ है, वहीं दूसरी ओर साइबर अपराधियों के लिए नए रास्ते भी खुल गए हैं। हमें यह समझना होगा कि ऑनलाइन ट्रेडिंग से लाभ कमाने के दावे ज्यादातर फर्जी होते हैं। इसलिए, सतर्कता और जागरूकता ही इन स्कैम्स से बचने का सबसे अच्छा तरीका है।