Nirjala Ekadshi 2023 : हिंदू धर्म में एकादशी के व्रतों का विशेष महत्व होता है। उसमें निर्जला एकादशी व्रत का और भी अधिक महत्व है। हर साल ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी को ये व्रत रखा जाता हैं, जो इस बार 31 मई 2023 को रखा जाएगा। प्रचलित मान्यता के अनुसार, निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadshi 2023) के दिन खासतौर पर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती हैं। देश के कई राज्यों में इसे भीमसेनी एकादशी नाम से भी जाना जाता हैं।
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निर्जला एकादशी पूजा का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार एकादशी तिथि का आरंभ 30 मई 2023 को दोपहर 01 बजकर 07 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन दोपहर 01 बजकर 45 मिनट पर होगा। ऐसे में निर्जला एकादशी का व्रत 31 मई 2023 को रखा जाएगा। इसके अलावा निर्जला एकादशी व्रत (Nirjala Ekadshi 2023) की पूजा का शुभ मुहूर्त 31 मई को सुबह 05 बजकर 24 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 51 मिनट तक है। वहीं, पूजा का दूसरा शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 35 मिनट से लेकर दोपहर दोपहर 12 बजकर 19 मिनट तक है।
निर्जला एकादशी व्रत का पारण समय
निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadshi 2023) व्रत का पारण अगले दिन 1 जून 2023 को सुबह 05 बजकर 24 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 10 मिनट के बीच करें।
निर्जला एकादशी व्रता का महत्व
आपको बता दें कि प्रत्येक एकादशी के दिन भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखने के साथ-साथ उनकी पूजा-अर्चना करने का विधान है। माना जाता है कि एकादशी का व्रत रखने से श्री हरि अपने भक्तों से बहुत जल्दी प्रसन्न होते है और उनकी सभी मनोकामनाएं जल्द पूरी करते हैं। हालांकि, ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है, जिसका अपना अलग महत्व है। निर्जला एकादशी व्रत (Nirjala Ekadshi 2023) का मतलब होता है, वो व्रत जिसमें पूरे दिन खाने के साथ-साथ पानी भी नहीं पिया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो भी भक्त सच्चे दिल से निर्जला एकादशी का व्रत रखता है, उसकी सभी इच्छा बहुत जल्द पूरी होती है।
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