
Smiling Death : मौत से पहले मुस्कुराने लगता है इंसान! जानिए कैसे होती है Smiling Death?
Smiling Death : जब कभी भी कोई व्यक्ति किसी इमारत के नीचे गिर जाता है या फंस जाता है तो ये स्वाभाविक है कि अन्य लोग उसकी मदद करते हैं। हालांकि ये उस व्यक्ति के लिए जानलेवा भी हो सकता हैं। जी हां, सही पढ़ा आपने। आपकी सहायता उसके लिए जानलेवा भी बन सकती है। ये बात हम नहीं बल्कि एक्सपर्ट कहते हैं। अगर किसी पर इमारत गिर जाती है तो उसे एकदम बचाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। बल्कि एक्सपर्ट के आने का इंतजार करना चाहिए।
दरअसल, जब आप किसी को बचाने के लिए उसके ऊपर से मलबा हटाते है, तो उस समय उसके शरीर से क्रशिंग प्रेशर (Crushing Pressure) रिलीज होता है, जिससे उसी समय उसकी मौत हो जाती है। बेशक आपको ये बात सुनकर हैरानी हो रही होगी, लेकिन ये बात पूरी तरह से सच है।
क्या है इसके पीछे का सांइस?
आपको बता दें कि, जब मलबे के नीचे शरीर का कोई भी अंग दब जाता है तो उसके ऊपर से भार को तुरंत नहीं उठाना चाहिए। दरअसल, मलबे के नीचे दबने से शरीरे के ऊतकों (Tissue) में बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे ऊतकों के दैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा खून का प्रवाह भी रुक जाता है। ऐसे में मांसपेशियों में से मायोग्लोबिन (Myoglobin) नामक गोलाकार प्रोटीन रिलीज होने लगता है। मुख्य तौर पर इस प्रोटीन का काम होता है पेशी कोशिकाओं का स्टोर करना, ताकि जरूरत पड़ने पर इस ऑक्सीजन का इस्तेमाल हो सके।
हालांकि, मायोग्लोबिन के रिलीज होने से किडनी के फेल होने का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है और इसी प्रकिया को क्रश सिंड्रोम (Crush Syndrome) नाम से जाना जाता हैं। ऐसे में जब अचानक से शरीर से भार को हटाया जाता है तो क्रश सिंड्रोम के कारण ऊतकों में ऑक्सीजन और रक्त में पोटैशियम की मात्रा पहले से कई गुना अधिक बढ़ जाती है। इससे दिल की धड़कन बिगड़ने लगती है, जिसके शॉक की वजह से व्यक्ति की मौत हो जाती है। कहा जाता है कि इस तरह की मौत से पहले इंसान अचानक से हंसने लगता है, जिसे स्माइलिंग डेथ (Smiling Death) कहा जाता हैं।
जानिक कब बना रहता है खतरा?
साल 1923 में जापानी डर्मेटोलॉजिस्ट सेगो मिनामी (Seigo Minami) ने पहली बार दुनिया के सामने क्रश सिंड्रोम की रिपोर्ट पेश की थी। हालांकि, इसके अधिकतर मामले युद्ध, भूकंप, रोड एक्सीडेंट और किसी बिल्डिंग के क्षतिग्रसत होने पर सामने आते हैं। आपको ये बात जानकर हैरानी होगी कि वर्ष 1999 में उत्तरी टर्की में आए भूंकप में क्रश सिंड्रोम के कारण 15.2% मृत्यु दर दर्ज की गई थी। जबकि क्रश सिंड्रोम में किडनी फेल से 13% से 25% मृत्यु दर रिकॉर्ड की गई थी।
यह भी पढ़ें- Machu Picchu : इस जगह को इंसानों ने नहीं Aliens ने बनाया! जानिए कहां है स्थित?
Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि southblockdigital.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।