Kinner Community Secrets : आज के समय में समाज में पुरूष और स्त्री को जितना सम्मान मिलता है शायद उतना किन्नरों को नहीं दिया जाता हैं। समाज में जो दर्जा नर-नारी का दिया जाता हैं वो शायद किन्नरों को अभी भी नहीं मिलता है लेकिन बावजूद इसके किन्नरों की दुआ और बद्दुआ को जरूर अहम माना जाता हैं। आज भी लोग किन्नरों की बद्दुआ से भयभीत रहते हैं। दरअसल, प्रचलित मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि किन्नर समुदाय द्वारा दिया गया आशीर्वाद और शाप दोनों ही हमेशा सच साबित होते है। हालांकि किन्नरों (Kinner Community Secrets) को लेकर कई लोगों के मन में कुछ सवाल भी रहते हैं। जैसे कि किन्नरों की शव यात्रा रात में ही क्यों निकाली जाती है? उसे अगर कोई देख लेता है तो क्या होता है? आदि-आदि… तो आज हम आपको इस आर्टिकल में किन्नरों से जुड़ी कई अहम बातों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
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किन्नर समाज से जुड़ी अहम बातें
- आपको बता दें कि किन्नर समाज में जब किसी की मौत होती है तो उस समय मातम मनाने की जगह जश्न मनाया जाता है। दरअसल, किन्नरों का जीवन किसी नरक से कम नहीं होता हैं। इसलिए जब उन्हें इस नरक से मुक्ति मिलती है, तो वह जश्न मनाते है। इसके अलावा किन्नरों की मौत पर दान-पुण्य करने की भी परंपरा का पालन किया जाता है।
- इसके अलावा जब किसी किन्नर (Kinner Community Secrets) की मौत होती है तो उसकी शव यात्रा दिन की जगह रात के अंधेरे में निकाली जाती है। कहा जाता है कि अगर कोई कोई गैर किन्नर उस शव यात्रा को देख लेता है तो वह अगले जन्म में किन्नर के रूप में पैदा होता है। इसलिए किन्नरों की ये यात्रा गुपचुप तरीके से रात में निकाली जाती है।
- पुरानी मान्यताओं के अनुसार, ये बात आज भी मानी जाती है कि जब भी घर-परिवार में कोई भी शुभ काम व कार्य होता है। जैसे कि शादी, मुंडन, त्यौहार, बच्चे का जन्म आदि तो तब किन्नरों को विशेष तौर पर बुलाया जाता हैं। उनका आशीर्वाद लिया जाता है। कहा जाता है कि किन्नरों द्वारा कही गई बातें भगवान तक बहुत जल्दी पहुंचती हैं।
- नए किन्नर को किन्नर समाज में शामिल करने से पहले नाच-गाना और सामूहिक भोज का आयोजन किया जाता है। साथ ही विभिन्न रीती-रिवाज का पालन किया जाता हैं।
- आपको बता दें कि किन्नर समाज (Kinner Community Secrets) शव को जलाते नहीं है बल्कि उसे दफनाते है।
- प्रचलित मान्यता के अनुसार, कहा जाता है कि साल में एक बार किन्नर अपने आराध्य देव अरावन से विवाह करते हैं। जो केवल एक दिन का समारोह होता है।
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