अफ्रीकी देश सूडान के हालात इस वक्त काफी गंभीर हैं। गृहयुद्ध से ग्रस्त सूडान में बड़ी संख्या में विभिन्न देशों के लोग फंस गए हैं, जिसमें बड़ी संख्या में भारतीय भी शामिल हैं। हालांकि ‘ऑपरेशन कावेरी’ के तहत सूडान में फंसे भारतीयों को वापस लाने का सिलसिला लगातार जारी है। अब तक 2300 से ज्यादा लोगों की देश वापसी हो चुकी है। इस बीच सूडान से सुरक्षित निकाले गए ये लोग वहां के खौफनाक मंजर को बयां करते और दर्दनाक आपबीती को बताते नजर आ रहे हैं। ये लोग बता रहे हैं कि सूडान में उन्होंने गृहयुद्ध के बीच क्या-क्या झेला?
भारतीयों की आपबीती
सूडान से भारत लौटे नंदिर राजू बताते हैं कि कैसे सूडान की स्थिति इतनी बद से बदतर हो गई है कि वहां उन्हें टॉयलेट का पानी तक पीने को मजबूर होना पड़ रहा था। वहीं उनके आसपास बम फट रहे थे और ऐसी स्थिति में वो रहने को विवश थे। इस दौरान नंदिश राजू ने भारत सरकार का देश वापस लाने के लिए शुक्रिया कहा। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमारे लिए बहुत कुछ किया है। हम बहुत मुश्किल स्थिति में थे। वहां हमें टॉयलेट का पानी पीना पड़ रहा था। आजू बाजू में बम फट रहे थे। भारतीय दूतावास हमें एक सुरक्षित स्थान पर ले गया और हम सभी को भोजन और पानी की व्यवस्था की गई।
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‘आमने-सामने थे सेना और अर्धसैनिक बल’
सूडान से सुरक्षित वापस लौटे हिमाचल प्रदेश के दीपक अग्निहोत्री ने भी वहां के मंजर को बयां किया। उन्होंने बताया कि सूडान की राजधानी खार्तूम की सड़कों पर सेना और अर्धसैनिक बल आपस में लड़ रहे थे और वहां से निकलने से पहले वह सात अन्य लोगों के साथ भूतल में छिपे हुए थे। दीपक बताते हैं कि हम भारतीय दूतावास के संपर्क में थे और जब हमें निकलने की अनुमति मिली तो हम सूडान के बंदरगाह पहुंचे। दीपक अग्निहोत्री सूडान में 2019 से एक आईटी कंपनी में काम कर रहे थे। उन्होंने बताया कि कंपनी ने बंदरगाह से एक नाव का इंतजाम किया था, जिससे हम जेद्दा पहुंचे।
वे आगे बताते हैं कि जिस वक्त सूडान में लड़ाई शुरू हुई, तब हम अपने अपार्टमेंट में थे। यहां धीरे धीरे सामान की आपूर्ति घट रही थी। जो कुछ भी हमारे पास था, उसे लेकर हम इमारत के भूतल में बने कमरे में चले गए।’ अग्निहोत्री ने बताया कि हमारे पास केवल पर्याप्त मात्रा में पानी और गैस था जिससे खाना बना सकते थे।
गौरतलब है कि सूडान में सेना और अर्धसैनिक बल के बीच पिछले 15 दिनों से जंग जारी है। इसके चलते देश में मरने वालों की संख्या 425 से अधिक हो गई है, जबकि 2,091 लोग घायल हुए हैं।