भारतीय गुणवत्ता परिषद यानि QCI ने एक और सफलता हासिल की है। दरअसल, प्रत्यायन (Accreiadition) के लिए वैश्विक गुणवत्ता अवसंरचना रैंकिंग में भारत को 184 देशों में 5वां स्थान प्राप्त हुआ है। इसको लेकर भारतीय गुणवत्ता परिषद द्वारा दिल्ली के उद्योग भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस प्रसवार्ता में संयुक्त सचिव, उद्योग संवर्धन विभाग और आंतरिक व्यापार श्री संजीव, क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के महासचिव डॉ. रवि सिंह और NABCB के सीईओ राजेश माहेश्वरी उपस्थित रहे। उन्होंने इस उपलब्धि के बारे में बताते हुए पत्रकारों के सवाल का जवाब दिया।
भारतीय गुणवत्ता परिषद की और से कहा गया कि ये बड़ी उपलब्धि है और इस रेकिंग में भारत को नंबर वन बनाने के लिए हम प्रयासरत है। इस दौरान उबल्बिध के बारे में विस्तार से बताया गया और प्रत्यायन को विकसित करने में सरकार की क्या भूमिका रही है इस बारे में विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान साउथ ब्लॉक डिजिटल ने भी भारतीय गुणवत्ता परिषद के अधिकारियों से सवाल किया।
नए भारत का संकेत
साउथ ब्लॉक डिजिटल ने पूछा की प्रत्यायन यानि (Accreiadition) को विकसित करने में सरकार की क्या भूमिका रही है ? इसके साथ ही साउथ ब्लॉक डिजिटल ने क्यूआई सिस्टम का भविष्य क्या है और अगेल 3 से 5 वर्षो में इसको लेकर क्या रणनीति है ? इन सवालों का जवाब इस प्रेसवार्ता में दिया गया। इसके अलावा अन्य पत्रकारों ने QCI प्रत्यायन (Accreiadition) के लिए वैश्विक गुणवत्ता अवसंरचना रैंकिंग में भारत को पांचवा स्थान प्राप्त मिलने पर सवाल किए। QCI ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत वैश्विक गुणवत्ता अवसंरचना रैंकिंग में पांचवे पायदान पर पुहुंचा है और ये सभी के लिए हर्ष का विषय है। प्रेसवार्ता के दौरान क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के महासचिव डॉ. रवि सिंह और NABCB के सीईओ राजेश माहेश्वरी ने पत्रकारों के सवालों के जवाब काफी अच्छे तरीके से दिए। इस दौरान भारतीय गुणवत्ता परिष्द ने कहा, “यह गुणवत्ता प्रथम के दृष्टिकोण वाले अमृत काल में एक नए भारत का संकेत है। भारत में तीन क्यूआई स्तंभों में भारत की प्रत्यायन प्रणाली सबसे नई है और हम इन रैंकिंग में एक साल के भीतर दुनिया में पांचवें स्थान पर पहुंच गए हैं।
क्या है क्यूसीआई (QCI) ?
भारतीय गुणता परिषद (QCI) की स्थापना भारत सरकार द्वारा वर्ष 1997 में भारतीय उद्योग के साथ संयुक्त रूप से की गई थी। इसमें भारतीय उद्योग का प्रतिनिधित्व तीन प्रमुख उद्दोग संघ जैसे-एसोचैम(ASSOCHAM),सीआईआई(CII)फिक्की(FICCI)द्वारा किया जाता है। ये भारतीय उत्पादों एवं सेवाओं की गुणवत्ता प्रतिस्पर्धात्मकता बढाने के उद्देश्य से अनुरूपता मूल्यांकन प्रणाली जिसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी गई है,की स्थापना करके देश में गुणवत्ता संबंधी अभियान को एक नीतिपरक दिशा देता है।
क्या है प्रत्यायान (Accreiadition) ?
प्रत्यायान एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से राष्ट्रीय प्रत्यायन निकाय मानकों की अनुरूपता की जांच करने के लिए सक्षम निकायो का निर्माण करता है। बता दे कि ये निकाय मानकों की अनुरूपता की जांच करने के लिए सक्षम निकायो का निर्माण करता है।