Haryana : हरियाणा में शहरी निकाय चुनावों के मद्देनजर राज्य सरकार ने कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादलों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह निर्णय चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। मुख्य सचिव कार्यालय की राजनीतिक शाखा ने इस संदर्भ में सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्ड-निगमों के प्रबंध निदेशकों, मंडलायुक्तों और उपायुक्तों को निर्देश जारी किए हैं।
चुनाव प्रक्रिया से संबंधित निर्देश
मुख्य सचिव के आदेशों के अनुसार, मतदाता सूचियों को अंतिम रूप देने में जुटे किसी भी कर्मचारी या अधिकारी का तबादला अगले आदेश तक नहीं किया जा सकता। यदि किसी विशेष परिस्थिति में तबादला अपरिहार्य हो, तो इसके लिए हरियाणा राज्य चुनाव आयोग से मंजूरी लेनी होगी। आयोग की अनुमति प्राप्त होने के बाद ही सरकार द्वारा तबादला आदेश जारी किए जा सकते हैं।
मतदाता सूचियों का निर्धारण
हरियाणा में पहले चरण के शहरी निकाय चुनावों के लिए मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया जारी है। रिवाइजिंग अथॉरिटी द्वारा लिए गए निर्णयों के खिलाफ 31 दिसंबर तक उपायुक्तों के पास अपील की जा सकेगी। उपायुक्त 3 जनवरी तक इन अपीलों का निपटान करेंगे, और 6 जनवरी को अंतिम मतदाता सूचियां प्रकाशित कर दी जाएंगी।
चुनाव की विस्तृत जानकारी
हरियाणा में पंचकूला, रेवाड़ी, पानीपत और चरखी दादरी को छोड़कर शेष 18 जिलों में 34 शहरी निकायों के चुनाव होने हैं। पहले चरण के अंतर्गत गुरुग्राम, फरीदाबाद और मानेसर नगर निगम में मेयर और पार्षद के आम चुनाव होंगे। इसके साथ ही अंबाला और सोनीपत में मेयर के उपचुनाव तथा अंबाला छावनी, पटौदी और सिरसा में नगर परिषद के अध्यक्ष और पार्षदों के चुनाव कराए जाएंगे।
निर्धारित समय सीमा
14 फरवरी तक निम्नलिखित नगर पालिकाओं के अध्यक्ष और पार्षदों के चुनाव संपन्न हो जाएंगे:
- बराडा
- बवानीखेड़ा
- लोहारू
- सिवानी
- फर्रुखनगर
- जाखल मंडी
- नारनौंद
- बेरी
- जुलाना
- कलायत
- पूंडरी
- इंद्री
- नीलोखेड़ी
- अटेली मंडी
- कनीना
- तावडू
- हथीन
- कलानौर
- खरखौदा
- रादौर
कालांवाली नगर पालिका और थानेसर नगर परिषद के चुनाव बाद में कराए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, पांच नगर निगमों – करनाल, पानीपत, हिसार, रोहतक और यमुनानगर में चुनाव दूसरे चरण में कराए जाएंगे।
निष्पक्ष चुनाव की तैयारी
हरियाणा सरकार के इस निर्णय का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप और अनियमितता को रोकना है। मतदाता सूचियों की तैयारी और अन्य चुनावी कार्यों में लगे कर्मचारियों को तबादला मुक्त रखने से चुनाव की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित होगी।
राज्य सरकार की जिम्मेदारी
हरियाणा में शहरी निकाय चुनाव न केवल प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि राज्य की राजनीति में भी अहम भूमिका निभाते हैं। सरकार का यह निर्णय चुनावी प्रक्रिया को सुगम और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।