Rotation in Earth : पिछले कुछ दशक से दुनिया के वैज्ञानिक पृथ्वी के केंद्र के बारें में अध्ययन कर रहें हैं। जिसके बाद अब एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि पृथ्वी की क्रोड़ हमेशा एक ही दिशा में घूर्णन नहीं करती है। बल्कि क्रोड़, सतह की तुलना में पहले एक दिशा में घूमती है और फिर दूसरी दिशा में। इस तरह हर छह वर्ष में घूर्णन की दिशा बदलती है और साथ ही दिन की लंबाई भी कम-ज्यादा होती है। हर 5.8 वर्ष में पृथ्वी के दिन की लंबाई में बदलाव होता है।
20 वर्षों के शोध से हुआ आंकलन
लॉस एंजेलिस की यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न कैलिफोर्निया इस शोध पर लम्बे समय से काम कर रहीं है। 20 वर्षों के शोध में आंकलन के बाद पता चला कि, पृथ्वी की सतह आतंरिक क्रोड़ की तुलना में खिसक रही है। पता चला है कि आंतरिक क्रोड वर्ष 1969-71 से धीमे घूम रहे थे और साल 1971-74 के बीच वह दूसरी दिशा में घूमने लगें। इस दौरान ये भी पता चला कि दिन की लंबाई बढ़ी भी है और कम भी हुई है।
हर दिन 0.2 सेकण्ड का अंतर देता है दिखाई
बता दें कि पृथ्वी की आंतरिक क्रोड़ गर्म और ठोस लोहे की गेंद की तरह है जो लगभग 2440 किलोमीटर चौड़ी है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, पृथ्वी के हर दिन में हर छह सालों में 0.2 सेकण्ड का अंतर दिखाई देता है और पृथ्वी की मैग्नेटिक फील्ड में हर छह वर्ष के कालम में दोलन दिखाई देता है।
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